कोरोना जांच के लिये किट नही, कहाँ है प्रदेश सरकार ?? सरकार गंभीर होती तो आज स्थिति इतनी गम्भीर नही होती


मनेन्द्रगढ़. छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों के कारण राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था का बुरा हाल है. राजधानी रायपुर में किसी भी अस्पताल में नए मरीज़ों के लिए जगह नहीं है. ऐसे में जिंदगी की आस लेकर अपने बीमार परिजन को राजधानी रायपुर लेकर जाने वाले लोगों को निराशा हाथ आ रही है. छ.ग. की सरकार के धीमी व्यवस्था की वजह से लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है. मनेन्द्रगढ़ में हालात इतने खराब हैं कि यहां कोरोना जांच के लिये किट तक नही है. इससे समझा जा सकता है कि सरकार इस व्यवस्था पर कितनी गंभीर है.
व्यवस्था का बयान जारी करते हुये भाजपा महामंत्री रामचरित द्विवेदी ने कहा है कि प्रदेश में लॉकडाउन के बीच अस्पतालों के बाहर मरीज़ों की कतार लगी हुई है. एंबुलेंस में, अस्पताल की सीढ़ियों पर, बरामदों में मरीज़ आक्सीजन सिलेंडर लिए हैं. अस्पताल में भर्ती होने की उम्मीद में साथ आए परिजन दिलासा दे रहे हैं. और गंभीर मरीज़ों को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले कर भाग रहे है और मिन्नत कर परिजन देखे जा सकते हैं.
कोरोना संक्रमण के कारण होने वाली मौतों की बढ़ती संख्या के कारण राजधानी रायपुर के सबसे बड़े बाबा साहब भीमराव आंबेडकर अस्पताल के शव घर में नए शवों को रखने की जगह नहीं बची. ऐसे में साफ है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार सिर्फ बातें कर रही और स्वास्थ्य सेवा का बखान करती रही. जिसके चलते संक्रमण का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. लोगों को बेहतर उपचार नही मिल पा रहा है. कोरोना की शुरूआत बीते वर्ष मार्च महीने में हुई थी प्रदेश सरकार गंभीर होती तो आज स्थिति इतनी भयावह नही होती.