ऊंचाहार- एनटीपीसी परियोजना भारत सरकार और राज्य सरकार के कोविड-19 गाइडलाइन को ताक पर रखकर कर रही है काम।

ऊंचाहार - रायबरेली - भारत देश और पूरा विश्व जहां आज कोरोना जैसी महामारी से लड़ रहा है पूरा देश कोरोना के दूसरे दौर के संकट काल में घिरा हुआ है।देश के प्रधानमंत्री प्रदेश के मुख्यमंत्री बराबर लोगों से अपील कर रहे है।लोग अपने घरों में रहें और सुरक्षित रहें। शासन-प्रशासन बराबर लोगों की निगरानी कर रहे हैं। वहीं देश की जानी-मानी विद्युत उत्पादक एनटीपीसी परियोजना कम्पनी को सरकार की कोरोना गाइडलाइन से कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।जबकि ऊंचाहार परियोजना में सबसे ज्यादा कोरोना पॉजिटिव कर्मी पाए गए है।परियोजना में कोरोना कर्मियों की संख्या लगभग 100 का आंकड़ा लग भग पार कर चुकी है। बावजूद भी अपने संविदा वर्करों को परियोजना के अंदर जाने के लिए पंचिंग का बराबर सहारा ले रहे है।पंचिंग मशीन को न तो सैनिटाइज किया जा रहा है।ना ही लोगों का ख्याल किया जा रहा है। ना दो गज दूरी मास्क जरूरी जैसे व्यवस्थाओं पर ध्यान देना जरूरी समझ रहे है। एनटीपीसी परियोजना के मुख्य द्वार पर लगे सीआईएसफ के जवान ना ही उच्च अधिकारियों को इस तरफ ध्यान देना मुनासिब नहीं समझ रहे है।संविदा कर्मी मजदूरों की जिंदगी के साथ एनटीपीसी परियोजना में खिलवाड़ किया जा रहा है। पंचिंग पर बराबर हर मजदूर हर संविदा कर्मी अपना अंगूठा रखकर परियोजना के अंदर जा रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कहीं कुछ नहीं हो रहा है।जबकि कोरोना एक संक्रमणीय बीमारी है।

हद तो तब हो गई जब रविवार को योगी सरकार ने जहां पूरे प्रदेश में संपूर्ण लॉक डाउन और सैनिटैजेशन का निर्देष दिया है वहीं एनटीपीसी परियोजना ऊंचाहार में रविवार को भी श्रमिकों से कार्य कराया जा रहा है और गेट पर लगे पंचिंग मशीन पर अंगूठा लगा कर तानाशाही अंदाज से श्रमिकों को गेट के अंदर भेजा जा रहा है, न सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाया जा रहा है और न हीं सैनिटाईजेशन ऐसे में कॉरोना वायरस के संक्रमण का ख़तरा बराबर बना हुआ है।

तो क्या एनटीपीसी परियोजना भारत सरकार की गाइड लाइन का पालन नहीं करती है, क्या जहां पूरा विश्व और पूरा देश कोरोना महामारी से लड़ रहा है वहां एनटीपीसी परियोजना भारत सरकार के नियमों को ताक पर रखकर श्रमिकों से कार्य करवाना चाह रही है क्या श्रमिकों कि जान का किसी को फिक्र नहीं है इस बारे में जब परियोजना महा प्रबंधक भोला नाथ मिश्रा से संपर्क करना चाहा तो सीआईएसएफ के जवानों ने संपर्क कराने से मना कर दिया।