बॉर्डर पर नही रूकने का नाम नही ले रही है तस्करी- कुछ इस तरह होती है तस्करी-

बहराइच- नेपाल सीमा रुपईडीहा की एक्सकल्लुसिव तस्वीर कैद हुई है। जहां एसएसबी जवान के सामने से साइकिलों पर नेपाली तस्कर तस्करी के माल को लादकर नेपाल ले जा रहे हैं। कहने को भारत नेपाल बॉर्डर पर एसएसबी के जवान तस्करी, घुसपैठ रोकने के लिए तैनात है। मगर इसके विपरीत ही बहुत कुछ चल रहा है। कुछ जवानो की मिलीभगत से यह कार्य परवान चढ़ा हुआ है। रुपईडीहा एसएसबी कैम्प के एसएसबी जवानो की तैनाती कैम्प के ठीक सामने है मगर तस्कर एसएसबी जवानो के सामने से ही तस्करी के माल को नेपाल ले जा रहे है और जवान कुर्सी पर बैठकर इस धंधे को बढ़ावा दे रहा है।अब सवाल यह उठता है कि जब इस प्रकार जवान की तस्करों को बढ़ावा देने लगेंगे तो फिर बॉर्डर पर तस्करी कैसे रुकेगी। रुपईडीहा नेपाल बॉर्डर पर एसएसबी जवानो की भारी भरकम फोर्स मौजूद है। मगर तस्कर इन्ही के सामने से तस्कर तस्करी करते है। नेपाली तस्कर साइकिल, मोटरसाइकिलो पर तस्करी के माल को नेपाल ले जाते है। मगर इन्हें रोकने के बजाय जवान इस धंधे को हरी झंडी दिखते है।पहले जवानो की ड्यूटी नो मैंस लैण्ड के पास लगाई जाती थी तब कुछ हद तक तस्करी पर विराम लगा था मगर अब जवानो की ड्यूटी बॉर्डर से लगभग 50 मीटर पीछे आम के बाघ में लगने लगी तब से तस्करी काफी बढ़ी हुई है। जबकि एसएसबी के साथ साथ बॉर्डर पर पुलिस,कस्टम सहित आधा दर्ज सुरक्षा एजेंसियां भी मौजूद है फिर भी तस्करी का धंधा रुकने का नाम नही ले रहा है। थाने के पीछे से नेपाल को जाने वाला रास्ता हो या फिर रुपईडीहा एसएसबी कैम्प के सामने जमुनहा गांव होकर नेपाल जाने का रास्ता हो इन सभी रास्तो से तस्करी की जा रहा है। सवाल यह भी उठता है कि जो बड़े बड़े बोरों में तस्कर तस्करी का माल भर कर नेपाल से लाते हैं या फिर भारत से नेपाल को ले जाते है उसको चेक तक नही किया जाता इससे मादक पदार्थ व हथियारों की खेप को आने जाने से नाकारा भी नही जा सकता है। इस विषय पर जब एसएसबी के अधिकारियों से बात करनी चाही तो उन्होंने यह कहकर टाल दिया कि बाइट देने के लिए आप लखीमपुर सेक्टर जाये डीआईजी बाइट देंगे। यह कहकर यहां तैनात अधिकारी अपना पल्ला झाड़ लिए।