नरवर जनपद पंचायत में जैव विविधता की बैठक संपन्न, लिए गए विभिन्न निर्णय।

ब्यूरो, अमरीश यादव

शिवपुरी,जैव विविधता अधिनियम 2002 एवं राज्य जैव विविधता अधिनियम 2004 के प्रावधानों के क्रियान्वयन के लिए धरती पर पाए जाने वाले सभी प्रकार के जीवन के किस किस्मों की सूची तैयार कराने जा रहा है इसके लिए जनपद पंचायत स्तर पर तैयार कराई जाने वाली इस सूची में स्थलीय जलीय दोनों स्तरों पर पाई जाने वाली प्रजातियों के नाम दर्ज किए जाएंगे इसके बाद मानव जीवन के लिए उपयोगी एवं जैव संसाधनों का संरक्षण व संवर्धन किया जाएगा इस संबंध में मुख्य विकास अधिकारी भोपाल द्वारा पंचायती राज विभाग को पत्र जारी किया गया है इसमें जनपद स्तर पर जैव विविधतारजिस्टर तैयार करने के लिए निर्देशित किया गया है l जनपद पंचायत स्तर पर तरह-तरह के पौधे फूल,फल, वनस्पतियां, जंगली जानवर,औषधीय पौधे, जलीय पौधे, खाद्य फसलें, चारा की फसलें, पालतू जानवर, मछलियां, सांप, पक्षी, कीड़े मकोड़े, पाए जाते हैं यह सभी कहीं ना कहीं मानव जीवन के लिए लाभप्रद या फिर हानि प्रद होते है।राज्य जैव विविधता बोर्ड अब इन सभी किस्मो के जैव संसाधनों की सूची तैयार करवाने जा रहा है l

प्रबंधन समिति तैयार कराएगी-सूची जनपद पंचायत स्तर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत नरवर की अध्यक्षता में गठित जैव विविधता प्रबंधन समिति अपने जनपद पंचायत क्षेत्र में पाए जाने वाले सभी प्रकार के जैव संसाधनों की सूची तैयार कराएगा। जैव विविधता कार्यक्रम में माननीय एसडीएम साहब अनुविभागीय अधिकारी करैरा अनुविभागीय अधिकारी वन परीक्षेत्र सतनवाड़ा वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी नरवर उद्यान अधीक्षक श्री संजय निकुंज नरवर पशु चिकित्सा अधिकारी नरवर मत्स्य निरीक्षक मत्स्य विभाग शिवपुरी जिला परियोजना अधिकारी प्राचार्य शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नरवर एवं पी आई धनीराम कुशवाहा शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नरवर ने जैव विविधता कार्यक्रम पर विस्तृत चर्चा कर सभी विभागअध्यक्षों से सहयोग करने की अपील की।

इन जैव साधनों की बनेगी सूची-हमारे आस-पास के परिवेश में पाए जाने वाले जैव संसाधनों मैं फलदार पौधे, चारा की फसलें, खरपतवार, फसल वाले पौधे, फसलों को हानि पहुंचाने वाले कीट, फलदार वृक्ष, औषधीय पौधे, जंगली वृक्ष, झाड़ियां, कंद, घास लताएं, जलीय पौधे, जंगली पौधे, सोभादार पौधे, लकड़ी वाले वृक्ष, जंगली फसलें, पालतू जानवर, मछलियां, वन्य औषधीय पौधे, जंगली शोभा दार पौधे, चबाने व धुआं करने वाले पौधे, जंगली लकड़ी वाले वृक्ष, वन्य जीव की प्रजातियां जिसमें स्तनधारी,चिड़िया, सरीसृप एवं उभयचर तथा जलीय मछलियां आदि सम्मिलित किए जाएंगे।