नवजात शिशु को बाप ने झोले में जरूरत के सामान सहित फेंका पिता की मजबूरी या प्यार, पोषण करने वाले को लिखा भावनात्मक खत

रामकेवल यादव

शाहगढ़-अमेठी

देर शाम पीआरवी को सूचना मिली कि एक बैग में सामान सहित कोई बच्चा छोड़ गया है। जिसकी सूचना कॉलर ने यूपी 112 को दी जिस पर पीआरवी 2780 राकेश कुमार सरोज चालक उमेश दुबे कोतवाली मुंशीगंज क्षेत्र के त्रिलोकपुर आनन्द ओझा पुत्र दीनानाथ ओझा के आवास के पास पहुँचे। जहाँ किसी अज्ञात युवक जो सूबेदार का पुरवा की ओर से आकर ने त्रिलोकपुर में एक नवजात शिशु झोले में रखकर फेंक कर चला जाता हैं। बच्चे रोने की आवाज सुनकर ग्रामीण इकट्ठा हो जाते है। बच्चा मिलने की सूचना पुलिस को देते हैं। जिस पर पहुची पुलिस ने लोगो के समक्ष बैग खोला, बैग में बच्चे के लिये ठंडी गर्म कपड़े, जूता, जैकेट, साबुन, विक्स, दवा, 5 हजार, खत आदि सहित दैनिक जरूरी सामान रखा हुआ था। साथ ही एक भावनात्मक खत पिता द्वारा पोषण कारी को भी रखा गया था जिसमे बच्चे को पालन पोषण करने की अपील की गयी है। उसके पालन पोषण के एवज में पांच हजार माहवारी देने की बात की गई है। पिता ने खत में लिखा है
*यह मेरा बेटा है इसे मैं आपके पास छह-सात महीने के लिए छोड़ रहा हूं, हमने आपके बारे में बहुत अच्छा सुना है, इसलिए मैं अपना बच्चा आपके पास रख रहा हूं, 5000 महीने के हिसाब से मैं आपको पैसा दूंगा। आपसे हाथ जोड़कर विनती है कि कृपया इस बच्चे को संभाल लो मेरी कुछ मजबूरी है। इस बच्चे की मां नहीं है। और मेरी फैमिली में इसके लिए खतरा है, इसलिए छह-सात महीने तक आप अपने पास रख लीजिए सब कुछ सही करके मैं आपसे मिलकर अपने बच्चों के लिए जाऊंगा। कोई बच्चा आपके पास छोड़ कर गया यह किसी को मत बताना नहीं तो यह बात सबको पता चल जाएगी। जो मेरे लिए सही नहीं होगा सबको यह बता दीजिएगा। यह बच्चा आपके किसी दोस्त का है जिसकी बीवी हॉस्पिटल में है कोमा में। तब तक आप अपने पास रखिए, मैं आपसे मिलकर भी दे सकता था। लेकिन यह बात मेरे लिए यह बात मेरे तक रहे तभी सही है। क्योंकि मेरा एक ही बच्चा है आपको और पैसा चाहियेगा तो बता दीजिएगा। मैं और दे दूंगा बस बच्चे को रख लीजिए। इसकी जिम्मेदारी लेने को डरियेगा नहीं। भगवान ना करें अगर कुछ होता है तो फिर मैं आपको ब्लेम नहीं करूंगा। मुझे आप पर पूरा भरोसा है बच्चा पंडित के घर का है* पी आर वी ने बच्चा मिलने की सूचना कोतवाली प्रभारी मिथिलेश सिंह को दी जिस पर उन्होंने बच्चे को कॉलर के ही सुपुर्द करने आदेशित किया। इस अनोखी घटना से लोगो मे तरह तरह की बाते उड़ने लगी है। कोई माँ को कोस रहा है। तो कोई बाप के स्नेह व मजबूरी में प्यार देख रहा है। लेकिन अबोध शिशु का क्या दोष जो इस ठण्ड में माँ बाप से दूर रहने की सजा काट रहा है।