बंदोइया हत्या कांड में किसी गहरी साजिश के तहत तो नहीं फंसा दिए गए आरोपित

अमेठी : बीते 29 अक्टूबर को अमेठी के मुंशीगंज कोतवाली क्षेत्र के बंदोईया गांव में एक दलित को जलाकर मार डालने वाली घटना से जहां पूरे प्रदेश में सनसनी फैल गई है तो वहीं ऐसा प्रतीत होता है कि इस घटना में नामजद किए गए 5 आरोपी किसी गहरी साजिश के तहत ही फंसाए भी गए हैं।

एक पड़ताल के अनुसार जिस शाम चौराहे पर मृतक अर्जुन के अपहरण करने व मारने पीटने की बात परिजनों द्वारा कही जा रही है तो वहीं बाज़ार वासी ऐसी किसी भी घटना को न देखे जाने की बात कह रहे हैं क्योंकि बाज़ार रात 9 बजे तक गुलजार रहती है और बहुत सारे दुकानदार व ग्राहक बाज़ार में मौजूद रहते है। दूसरी पड़ताल ये कि जिस कृष्ण कुमार के अहाते में घायल अवस्था में अर्जुन कोरी के पड़े पाए जाने की बात कही जा रही है तो वहीं कृष्ण कुमार के घर सीसीटीवी भी लगा हुआ है, सीसीटीवी की फुटेज भी सारे राज खोल सकती है जबकि सीसीटीवी का डीबीआर पुलिस ले भी जा चुकी है।

सबसे चौंकाने वाली बात ये कि आरोपित कृष्ण कुमार के ही छोटे भाई आशीष कुमार ने ही सबसे पहले मृतक अर्जुन कोरी के घायल पड़े होने की सूचना पुलिस को दिया था। ऐसे में एक विचारणीय प्रश्न ये भी उठता है कि क्या इस तरह का जघन्य अपराध किए जाने पर आरोपित का ही भाई पुलिस को घटना की प्रथम सूचना देगा। मामले में पुलिस की निष्पक्ष जांच से सच उजागर होगा और निर्दोष दंडित होने से बच सकेगा।

आरोपित कृष्ण कुमार के छोटे भाई व जिले के वरिष्ठ पत्रकार आशीष कुमार त्रिपाठी ने एक वीडियो वायरल कर एसपी अमेठी घटना की गहराई से जांच कराकर सच्चाई उजागर करने की मांग की है। सच उजागर होने से कई निर्दोष बेदाग साबित होंगे व इस घटना को अंजाम देने वाले व साजिश रचने वाले सलाखों के पीछे होंगे। 3 आरोपित को पुलिस गिरफ्तार भी कर चुकी है जबकि अभी भी 2 आरोपित नहीं पकड़े जा सके हैं।