सफेदपोस राजनितिक रसुकदारों की बली चढ सकता है इमानदार व कर्मठ राजस्व अधिकारी

कोरिया 27 अक्टूबर। जिले के बैकुण्ठपुर तहसील कार्यालय मे लगातार जनता के कार्यों को शासन प्रशासन के नियमानुसार किया जा रहा है। वर्तमान मे किसानों के द्वारा धान बेंचनें के लिए बैकुण्ठपुर तहसील कार्यालय मे लगातार पंजीयन हेतु आ रहे है, उन किसानों का पंजीयन कार्यालय से दस से पन्द्रह मिनट मे किया जा रहा है, कभी कभार सरवर की समस्या होनें के कारण पंजीयन करनें मे लेट लतिफ होते है, अन्यथा लगभग सभी किसान जो पंजीयन करानें आते है उनका पंजीयन किया जा रहा है। तहसील कार्यालय किन्तु कुछ सफेदपोस राजनिति, रसुकदार व अवैध माफियाओं के द्वारा बैकुण्ठपुर तहसील कार्यालय मे भर्राशाही व लोगों को खरीदे गए जमीनों के लिए नामंतरण के लिए सालों कार्यालय का चक्कर लगानें का आरोप लगाया जा रहा है। किन्तु यह स्पष्ट हो चूका है कि जो भी नामांतरण नहीं होनें की बात कही थी, किन्तु उसके नामांतरण की लगी फाईल को रिजेक्ट कर दिया गया है, रिजेक्ट करनें करने का कारण स्पष्ट हुआ की उक्त व्यक्ति के द्वारा सरकारी भूमि की रजिस्ट्री कराई थी व वह कलेक्टर कोरिया से परमिशन नहीं लिए थे होना पाया गया है, इस कारण फाईल को कैसील किया गया है, इतना ही नहीं कई रसुकदार छचट भैया नेता, भू-माफिया व ब्याज खोरी का कार्य करनें वाले लोगों के द्वारा एक ईमानदार व कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी को लगातार झुठे खबरों को प्रकाशन कर बदनाम करनें की एक सोची समझी साजिस की जा रही है, हलाकी शासन व प्रशासन के माध्यम से अवैध कारोबारियों के द्वारा बैकुण्ठपुर तहसीलदार के कार्यों को गलत ढंग से सामनें लगातार लाया जा रहा है, जबकि इमानदार अधिकारी के द्वारा लगातार तहसील क्षेत्र भू-माफिया व अवैध कार्यों मे लगाम लगया जा रहा है, जिस कारण उक्त अधिकारी को लगातार शिकायत कर हटानें का प्रयाश किया जा रहा है, जब से तहसीलदार बैकुण्पुर के द्वारा भू-माफियाओं व अवैव कारोबारियों के कार्यों मे अंकुश लगाया गया है। जिस कारण यह माफिया बौखलाते हुए लगातार तहसीलदार के खिलाफ विधायक, मंत्री सहित अधिकारियों को शिकायत करनें मे लगे हुए है। यही कारण है की अधिकारियों का मनोबल लगातार टुटता जाता है किसका नतिजा आम जनता को भुगतना पडता है। वहीं देखा जा रहा है कि बैकुण्ठपुर तहसीलदार के खिलाफ जिन लोगों के द्वारा गलत तरीके से बयान दिया गया था, उनके द्वारा अब सोसल मिडिया के माध्यम से मांफी भी मांगा जा रहा है इससे यह तो पता चल रहा है कि भू-माफियाओं के द्वारा लगातार तहसीलदार को गलत ठहरानें की साजिस नाकाम होती जा रही है। पांच से छः दिनों पूर्व लगे खबरों के माध्यम से अपनी बात रखनें वाले लोग या तो झुठे साबित हो रहे है या अपनी गलती स्विकार रहे है। इतना ही नहीं तहसीलदार के द्वारा जब से गलत खबर लगानें वाले के लिए मानहान का नोटीस जारी हुआ है तब से गलत बयान देनें वालों की संख्या मे कमी आ गई है। इसी बात से पता चलता है कि लगातार माफियाओं के द्वारा तहसीलदार पर लगाए जा रहे आरोप लगत है।