भू-माफियाओं के नाक मे दम कर शासन की मदद् कर रही बैकुण्ठपुर तहसीलदार की कार्यशेली पर कैसा सवाल

कोरिया 26 अक्टूबर। जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर की तहसील कार्यालय में बीते दिनों हुए लगातार भू-माफियाओं के आतंक से कई शासकीय जमीन इधर से उधर हुई तो कई भूमाफिया शासकीय जमीनों को अपने नाम भी करा लिए हैं जिसके नामांतरण के लिए उन्होंने बैकुण्ठपुर तहसील में आवेदन भी दिया किंतु वर्तमान तहसीलदार के द्वारा शासन प्रशासन के निर्देशानुसार लगातार शासन के पक्ष में कार्य करते हुए शासन की जमीनों को शासन को वापस कराने का एक प्रयास लगातार किया जा रहा है किंतु भू-माफियाओं के दलालों के द्वारा लगातार बैकुण्ठपुर तहसीलदार के खिलाफ सोशल मीडिया में अफवाह फैलाई जा रही हैं यह अफवाह फैलाने का यह कारण भी है कि भू माफियाओं पर लगातार हो रही है कार्यवाही बंद हो जाए या यूं कहें कि जो कार्य बैकुण्ठपुर तहसीलदार के द्वारा किया जा रहा है उस कार्य को तहसीलदार बैकुण्ठपुर करना बंद कर दें किंतु बैकुण्ठपुरतहसीलदार के द्वारा वह कार्य बंद भी नहीं किया जा सकता क्योंकि इस कार्य को करने हेतु शासन प्रशासन के द्वारा आदेशित किया गया है शासन प्रशासन के आदेश का पालन करना तहसीलदार को लगातार सुर्खियों में बने रहने की नौबत आ गई है या यूंं कहें की नौबत बना दी गई है। जिन भू-माफियाओं को नुकसान हो रहा है, भू- माफियाओं के द्वारा कुछ लोगों के साथ मिलकर लगातार चाटुकार व ब्याज खोरों का सहारा लेकर बदनाम करने की साजिश की जा रही है। तहसीलदार बैकुण्ठपुर केे द्वारा लगातार जनहित में कार्य किया जा रहा है इन दिनों किसानों के द्वारा अपनी भूमि का पंजीयन करवाया जा रहा है, यहां की किसान लगातार तहसील कार्यालय में अपना पंजीयन करवा रहे हैं, प्रति दिन दर्जनों किसान लाभ ले रहे है, आप को ज्ञात हो की जब से कोरोना महामारी बिमारी फैली है तब से लेकर अब तक जिले की महिला जनप्रतिनिधि व महिला अधिकारियों के द्वारा जनता के कार्यों को किया जा रहा है, जिला पंचायत की मुख्यालय कार्यपालन अधिकारी तुलिका प्रजापति ने बताया की कोरोना जैसी भयावह बिमारी जब पुरा विश्व सहित देश व जिला भी इस महामारी की चपेट मे है, तब की स्थिति मे शासन-प्रशासन के द्वारा लगातार महामारी मे आर्थित स्थति बिगडी हुई थी उस समय कोरिया जिला प्रशासन रोजगार देनें के मामले मे प्रथम स्थान मिला है। वहीं बैकुण्ठपुर महिला तहसीलदार के द्वारा लगातार जनता के कार्यों को शासन के निर्देशानुसार पुरा किया गया, जिसके तहत शासन के द्वारा तहसीलदार बैकुण्ठपुर के कार्यों की सराहना करनें के सांथ राज्य मे दुसरा नम्बर भी अर्जित किया गया। बैकुण्ठपुर महिला जनप्रतिनिधि के द्वारा कोरोना काल मे लगातार गरीब आम जनों के लिए भोजन व्यवस्था, ओलावृष्टी व बांध फुटनें पर एक हप्ते के अंदर मुवावजा देनें का इतिहास भी रचा गया है। इतना होनें के बाद भी लगातार महिला अधिकारी व जनप्रतिनिधि को लगातार बदनाम करनें की साजिस चल रही है। इतना ही नहीं शासन व प्रशासन के आदेश का पलन कर रही बैकुण्ठपुर तहसीलदार के खिलाफ शासन के मंत्री व विधायकों से की जा रही है, जबकि शासन के मंत्री व विधायक ही रेत के अवैध उत्खनन को रोकना चाहते है। तहसीलदार बैकुण्ठपुर की शिकायत तीन मंत्री व नौ विधायकों से तो की गई है, लेकिन शिकायतों के आधार को निराधार बताया गया है यह जानकारी विषेश सूत्रों से मिली है। जहां तक बात की जाए जमीन के खरीदी के समय चौहददी की तब पटवारियों के द्वारा बना कर दे दी जाती है, लेकिन इसकी जानकारी तहसीलदार को नहीं दी जाती इसलिए लोग खासकर भू-माफिया इसका फायदा उठा कर सरकारी जमीन को गुप-चूप तरीके से रजिस्ट्री कर लेते है, जबकि उन्हें यह मालुम होता है कि छोटे-बडे झाड के जंगल की जमीन को रजिस्ट्री तब कराया जाता है जब कलेक्टर के द्वारा परमिशन दी जाती है। इसके बाद भी लोग पटवारियों की मिली भगत से रजिस्ट्री करा तो लेते है लेकिन संसोधन व नामांतरण के समय सच्चाई सामनें आनें के बाद वह तहसीलदार को गलत ठहराते हुए आरोप लगाते लगाते मंत्री नेताओं तक शिकायत करनें लगते है, जबकि तहसील बैकुण्ठपुर मे नामांतरण आम लोगों के जमीनों की बमुश्किल 30 से 45 दिनों मे हो जाती है, इतनें दिन लगनें का कारण ईश्तहार जारी करना होता है। ऐसे क ई लोग है जिनके नामांतरण 30-45 दिनों के अंदर हो चूके है।