आखिर जिले की महिला अधिकारियों व महिला जनप्रतिनिधि पर कैसी छीटा कसी

बिना परमिशन के ही छोटे झाड़ के जंगल की भूमि को कराया रजिस्ट्री, नामांतरण हुआ खारीच

कोरिया 23 अक्टूबर। जिले मे इन दिनों लगातार महिला अधिकारियों व महिला जनप्रतिनिधि के खिलाफ एक तथाकथित पत्रकार के द्वारा खबर लगातार बे वजह प्रकाशित किया जा रहा है जिसमे उक्त पत्रकार के द्वारा दुसरे की सलाह पर खबर लिख कर वेब पोर्टल व दैनिक अखबार मे महिलाओं की छबी को धुमिल किया जा रहा है। जबकि भारत देश मे महिलाओं को भी पुरुषों के बराबर हक दिया गया है तथा बेटी बचाओ बेटी पढाव अभियान भी चलाया जा रहा है, लेकिन इन दिनों लोग अपनी निजी दुश्मनी महिला अधिकारियों व महिला जनप्रतिनिधि से निकाल रहे है, बजारों मे चर्चा है कि पटना मे रेत की अवैध खनन हो रही थी तभी एक पत्रकार के संबंधी की ट्रेक्टर पकडी गई जिस पर कार्यवाही हुए कार्यवाही महिला अधिकारी के द्वारा की गई तब से छुब्ध हो कर एक पत्रकार के द्वारा लगातार महिला अधिकारी के लिए भला बुरा लिखा जा रहा है जिसमे जनप्रतिनिधि को भी समिल किया जा रहा है, जबकि एसे लोगों को जानकारी होनी चहिए कि जिले मे ऐसा पहलीबार हुआ है, कि ओला वृष्टि से कई लोग तबाह हो गए थे, सांथ ही बिते महिनें खांडा बांध बह जाने से किसानों को कफी नुकसान हुआ था, जिसका मुआवजा 1 हफ्ते के अंदर ही ओलावृष्टि से प्रभावित हुआ बांध टूटने से प्रभावित किसानों को मिला। यह संभव तब हुआ जा महिला अधिकारी व महिला जनप्रतिनिधि के द्वारा तत्काल नुकसान को देखते हुए आम जनता के परेशानियों को देखते हुए तत्काल प्रदान कराया गया, इन सभी बातों को दरकिनार करते हुए उक्त पत्रकार जो जिसका खुद का काम नहीं हुआ वह दूसरों को दोष दे रहे हैं किंतु यहां आम लोगों की भलाई के बारे में तनिक भी चिंता नहीं कर रहे हैं ऐसा भी नहीं है कि वह स्वयं कि विवेक से चल रहे हो वह दूसरे की छड़ी के सहारे चल रहे हैं। लगातार अपनी छोटी सोच को सामने ला रहे हैं जिससे महिला अधिकारी व महिला जनप्रतिनिधि का मनोबल गिराना चाह रहे है, ताकि उनके द्वारा उनके लोग जो दो नंबर के कार्य करते हैं उन्हें छूट मिल जाए किंतु महिला अधिकारी व जनप्रतिनिधि ऐसा नहीं होना देना चाहते।ऐसे में आम जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है जिस तेजी से जनता की समस्याओं का समाधान हो रहा है, उससेे इन्हे तकलिफ है। जब इन खबर लिखने वालों को आम जनता कि इतनी ही फिक्र है तो उन्ही के नाक के निचे क्षेत्र मे लगातार कोयला चोरी खुले आम हो रही है, नशे के कारोबारी फल फुल रहे है, चोरियां नाबालिकों के द्वारा की जा रही है, रेत का अवैध खनन हो रहा था जिससे शासन-प्रशासन सहित आम जनता का आर्थिक नुकसान हो रहा है, ऐसे मे यह जनता के हितैसी शासन,प्रशासन व जनता की मदद क्यों नहीं कर रहे है, अब जब अधिकारी इन पर ध्यान दे रहे है कि अवैध रेत, कोयला चोरी, नशे के कारोबारियों को रोक रही है तो यह बौखलाते हुए अधिकारियों के कार्यों मे लगातार अनाब-सनाब लिख कर उनके कार्यों से ध्यान भटकानें की कोशिश मे जुटे है वो भी एक नहीं दो लोग जिसमे एक बुजुर्ग भी शामिल है जिनकी पहुंच देश के मा. प्रधानमंत्री महोदय तक है, शायद इसलिए शासन - प्रशासन के द्वारा होनें वाली प्रेस वार्ता मे इन्हें नहीं बुलाया जाता है। बैकुण्ठपुर तहसील मे एक छोटे झाड के जंगल की जमीन को सांठ गांठ कर रजिस्ट्री करा लिया गया था, वह भी बिना कलेक्टर के परमिशन से एवं तहसील मे नामांतरण के लिए लगाया गया था, सांथ ही शुत्र बताते है कि तहसीलदार को नामांतरण हेतु रिस्वत भी देना चाहे थे किन्तु तहसीलदार ने नामांतरण से मना करते हुए फाइल को खारिच कर दिया था, तब से उक्त व्यक्ति के द्वारा बैकुण्ठपुर से तहसीलदार हटाव के नारे लगाता हुआ घुम रहा है, ऐसे फर्जी लोगों का आड लेकर लोग समाचार भी प्रकाशन कर अपने आप को पाक साफ बतानें की कोशिश मे लगे हुए है। तो वही बैकुण्ठपुर निवासी जिशा बालन ने बताया की मेरे द्वारा तहसील कार्यालय मे नामांतरण की फाईल लगी थी, वह फाईल पुरी हो गई है, नामांतरण हो गया है। तहसीलदार बैकुण्ठपुर ऋचा सिंह - तहसीलदार नें बताया कि संजय गुुप्ता के द्वारा छोटे झाड के जमीन की रजिस्ट्री कराई गई थी, उक्त जमीन मे कलेेक्टर की परमिशन नहीं थी, इसलिए संजय गुप्ता केे द्वारा दिए गए नामांतरण को खारिज कर दिया गया था।