सर्वोदय नगर में वर्षों से चल रहा है अवैध शराब का कारोबार

रायबरेली- अवैध कच्ची शराब ने सैकड़ों लोगों की जान ले ली। अवैध शराब से जब भी कोई बड़ी घटना होती है तब सरकार और प्रशासन जागता है। आनन-फानन में इस उद्योग को चलाने वालों पर कार्यवाही भी की गई।यह कार्यवाही तभी तक सुचारू रूप से चली जब तक अवैध शराब कांड में हुई जनहानि का मामला ठंडा नहीं पड़ गया और मामले को ठंडा पड़ते ही सब कुछ शांत हो गया बदले में अवैध शराब का कुटीर उद्योग फिर से पनपने लगा।कुछ ऐसा ही मामला रायबरेली जनपद के थाना मिल एरिया का प्रकाश में आया है।जहां सर्वोदय नगर मे पासिंन का पुरवा में वर्षों से अवैध शराब का कारोबार एक महिला द्वारा चलाया जा रहा है।आश्चर्य की बात यह है कि शाम ढलते ही पूरे चौराहे पर कच्ची शराब के शौकीन लोगों का जमघट लग जाता है और कुछ तो रंगीन मिजाज में होकर क्रॉसिंग के इधर उधर ही अपना तांडव मचाते रहते हैं।लेकिन इन सबके बाद भी थाने की पुलिस को इस बात की भनक भी नहीं है कि उनके क्षेत्र में अवैध शराब का कुटीर उद्योग चल रहा है।

इस अवैध शराब की कारोबारी महिला का कहना है कि वर्षों से यह कारोबार वह कर रही है और इसकी जानकारी थाने की पुलिस को नही है। जबकि उनके पास हर माह इस कारोबार का हिस्सा पहुंच जाता है। जिसके कारण पुलिस की भी हिम्मत नहीं होती है कि उनके दरवाजे पर आकर कार्यवाही कर सकें।अवैध शराब के इस कारोबार पर रोक लगाने के लिए सख्त से सख्त नियम कानून बने हुए हैं लेकिन आश्चर्यजनक रूप से इस जगह चल रहे इस कुटीर उद्योग में पुलिस की भूमिका संदिग्ध ही बताई जाती है।
बताया जाता है कि पुलिस की जानकारी में ही यह कारोबार चलता है और पुलिस को भी इससे अपनी कमाई होती है। नतीजा यह है कि एक तरफ चंद रुपयों की खातिर पुलिस अपने कर्तव्यों से दूर जाती दिखाई देती है।वही दूसरी तरफ इस कुटीर उद्योग को चलाने वाले लोग खुद पुलिस की करतूतों को उजागर करके खाकी को दागदार करने से नहीं चूकते हैं।इन सबके बाद भी सबसे गंभीर विषय जो है वह यह है कि इस अवैध शराब के चलते लोगों के स्वास्थ्य और जान का जो खतरा बना रहता है । उस पर किसी ने भी ध्यान ना देने की जैसे कसम खा ली है।वही शहर के बीचो बीच चल रहे इस उद्योग को लेकर मोहल्ले वासियों में भी आक्रोश और भय का माहौल बना रहता है। जनता में आक्रोश इस बात का है कि पूरे शहर को पता है कि इस इलाके में अवैध कच्ची शराब का कारोबार चलता है परंतु थाने की पुलिस को इस बात की सूचना तक नहीं है कि उनके क्षेत्र में भी ऐसा कोई कृत्य होता है और स्थानीय लोगों में भय इस बात का है कि अवैध शराब के नशे में क्षेत्र में कभी भी कोई भीषण घटना हो सकती है।

छुटपुट मारपीट की घटनाएं तो इस इलाके के लिए आम बात हो गई है।यहां यह भी बताते चलें कि लोग पुलिस की कार्यशैली से भी आक्रोशित हैं क्योंकि उनका कहना है कि दूरदराज के इलाकों से लोग आकर यहां पर अपना शौक पूरा करते हैं और सड़क पर जाकर तांडव भी करते हैं। लेकिन इधर से गुजरने वाले पुलिस टीम ने कभी भी इन अराजक तत्वों पर अपनी निगाह डालना तक उचित नहीं समझते हैं। क्षेत्रवासियों का साफ कहना है कि थाने की पुलिस ने इस इलाके को तो जैसे अवैध शराबियों के भरोसे छोड़ दिया हो क्योंकि स्थानीय निवासियों से ज्यादा यहां पर अवैध शराब पीने वाले नशेड़ियों का जमघट बना रहता है।जिस कारण शाम ढलते ही तमाम घरों में लोग अपनी बहन बेटियों के साथ कैद हो जाते हैं।उन्हें भली-भांति पता है कि घर से बाहर निकलने पर किसी भी अप्रिय घटना का सामना उन्हें करना पड़ सकता है और थाने की पुलिस जब सब कुछ जानती है तो उससे भी न्याय की उम्मीद स्थानीय निवासियों को कम ही है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि जल्द से जल्द जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन इस पर अपनी सख्त कार्यवाही करें।