दिल्ली में भी होगी रामलीला लेकिन शर्ते नियम होंगे लागू

दिल्ली। शास्त्री पार्क इलाके में पिछले करीब बीस वर्षों से लगने वाली विष्णु अवतार रामलीला कमेटी ने सरकारों के इस फैसले का स्वागत किया है साथ ही सरकारों को आश्वस्त किया कि वह इस दौरान सरकार के दिशा निर्देशों का बखूबी पालन करेंगे.रामलीला कमेटी के चेयरमैन हरीश चौधरी ने कहा कि यह राम की ही लीला है कि महामारी काल में भगवान राम ने अपने भक्तों को यह वरदान दिया कि भगवान राम की लीला को पूरी भव्यता के साथ किया जाए और उन्होंने धार्मिक आयोजनों के लिए पंडाल लगाने की अनुमति देने वाले फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इसके लिए सरकार की गाइडलाइंस का पूरी तरह से पालन किया जाएगा. रामलीला के आयोजन के दौरान मास्क सेनिटाइजर के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों कभी पूरी तरह से पालन किया जायेगा.

विष्णु अवतार रामलीला कमेटी के महासचिव दिवाकर पांडेय ने धार्मिक आयोजनों के लिए पंडाल लगाने की अनुमति दिए जाने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यकीनन यह भगवान की महिमा ही है कि पिछले कई महीनों से चली आ रही रोक को सरकार ने बीमारी का प्रकोप कुछ कम होने की वज़ह से सशर्त हटाते हुए पंडाल आदी लगाने की अनुमति दे दी.

रामलीला कमेटी से जुड़े दिवाकर पांडेय ने कहा कि यकीनन यह कोरोना का समय चल रहा है लेकिन पिछले बीस वर्षों से चली आ रही इस भव्य रामलीला के मंचन पर इस बार की ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा. आइए बात का अवश्य ध्यान रखा जाएगा कि मंचन में आने वाले दर्शकों कि सुरक्षा को पूरी तरह से सुनिश्चित किया जाए.इसके लिए पूरी तरह से ख्याल रख जाएगा कि सरकार के दिशा निर्देशों को हर हाल में माना जाए. उन्होंने क्षेत्र कि जनता से भी यही आह्वान किया है कि सभी लोग मंचन में आने से पहले मास्क लगाकर रखें, सेनिटाइजर के साथ ही दो गज की दूरी है बेहद जरूरी.

संचालकों के साथ ही टेंट मालिकों ने भी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया और फ़रवरी से बंद चल रहे कारोबार को भी कुछ हद तक राहत मिलने के साथ ही उनके साथ काम करने वाले मजदूरों के लिए भी एक राहत भरा फैसला बताया.शास्त्री पार्क इलाके में ही टेंट का व्यवसाय करने और रामलीला में टेंट की व्यवस्था करने वाले अनिल कुमार भारद्वाज और अमित कुमार ने बताया कि सरकार के इस फैसले से उन्हें और उनके साथ जुड़े सैकड़ो मजदूरों और उनके परिवारों कोभी राहत मिली है.दरअसल इस इलाके में फ़रवरी में हुए दंगों के समय से ही कारोबार बंद है और उसके बाद महामारी से निबटने को लगाए गए लॉक डाउन ने कारोबारियों की कमर हो तोड़कर रख दी थी. क्योंकि भीड़ भाड़ वाले कार्यक्रमों शादी विवाह समारोह पर पूरी तरह से रोक लगी हुई थी जिसकी वजह से उनका काम पूरी तरह से बंद था.उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में जरूर हालात बेहतर होंगे.

देखना यह होगा कि सरकार से मिली छूट के बाद रामलीलाओं के मंचन को आयोजक किस तरह से पर हवाई बनाते हैं और लोगों के डर को दूर करने के लिए किस तरह की व्यवस्था की जाती है.माना यह का रहा है कि लोगों में अभी महामारी का खासा डर बैठा हुए है संभावना है कि रामलीला के मंचन में लोग सावधानी के साथ निर्धारित मानकों के अनुरूप हो पहुंचेंगे.