14 वर्षीय आदिवासी बच्ची से सामूहिक बलात्कार का मामला आ रहा सामने,वाड्रफनगर चौकी का मामला

आरोपीत को बचाने का राजनीतिक रसूखदारों का चल रहा दवाब,नाजुक हालत में पुलिस व चाइल्ड लाइन की पहल पर अस्पताल में किया गया भर्ती

बलरामपुर 29 सितंबर। बलरामपुर जिले से एक बड़ी खबर सामने आ रही है जिसमें एक 14 वर्षीय मासूम आदिवासी वर्ग की बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आ रहा है। उक्त घटना जिले के वाड्रफनगर चौकी क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम महोवा की है, जहां पीड़ित रविवार से घर से गायब थी, की बताई जा रही है घटना की सूचना के बाद से पीड़ित को नाजुक हालत में पुलिस एवं चाइल्डलाइन की टीम ने अस्पताल में भर्ती किया हुआ है जहां उसका उपचार चल रहा है वहीं दूसरी तरफ मामले को दबाने व आरोपितों को बचाने के लिए सत्ताधारी दल के कुछ राजनीतिक रसूखदारो के द्वारा मामले पर पर्दा डालने के लिए राजधानी तक दबाव बनाया जा रहा है। मामले पर मिली जानकारी के अनुसार बीते 2 दिनों से गायब थी।सोमवार दोपहर तक घर ना आने के कारण उसके पिता ने पुलिस चौकी में मामले की रिपोर्ट दर्ज कराने पहुचने पर शराब के नशे में अत्यधिक धुत होने का हवाला देकर ,मौजूद पुलिस कर्मियों को उसकी बातें समझ नहीं आई तो उसे वापस घर भेज दिया गया था।वहीं दूसरी तरफ मामला बढते देख क्षेत्र के एक राजनीतिक रसूखदार के घर से जुड़े कुछ लोगों का मामले में संलिप्त का होने की बातें भी सामने आ रही हैं।बताया जा रहा है कि मामला बढते देख सोमवार की देर रात आदिवासी बच्ची को बेसुध हालत में आरोपितों ने उसके घर के बाड़ी में बेहोशी के हालत में फेंक कर फरार हो गए, जब देर रात उसे बाड़ी मे बेसुध अवस्था में पाया गया तो आनन फानन में उपचार के लिए उसे अस्पताल उपचार के लिए लेकर जाने की तैयारी होने लगी,इसी बीच मामले में तथाकथित रूप से शामिल राजनीतिक रसूखदार मामला सामने ना आए इसके लिए गांव में दवाब बनाने लगे तो गांव के ही किसी व्यक्ति द्वारा चाइल्ड लाइन के हेल्पलाइन नंबर 108 पर कॉल कर मामले की स्थिति से अवगत कराया गया तो साइडलाइंड के अधिकारियों ने पीड़ित के परिजनों से संपर्क कर गांव पहुंचे।जहां से उसे उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल में उपचार के लिए लेकर गए तो स्थिति नाजूक होने पर पीड़िता को उपचार के लिए वाड्रफनगर अस्पताल में भर्ती कराने को.रेफर करनें पर पहले एंबुलेंस का इंतजाम नहीं होने पर जब गाड़ी की व्यवस्था हुई तो वाड्रफनगर जाने लगे तो रास्ते में आरोपीतो के साथ उनके परिजनों ने उन्हें रास्ते में रोक लिया और थाना या अन्य कहीं जाने पर जान से मारने की धमकी देने लगे।इसी बीच बच्ची की स्थिति नाजुक थी वहीं विवाद की स्थिति बढ़ने लगी तो चाइल्ड लाइन के अधिकारियों ने इसकी जानकारी वाड्रफनगर पुलिस को दी और एसडीओपी ध्रुवेश जयसवाल एवं अन्य पुलिसकर्मी जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंचे और काफी प्रयासों के बाद कल रात्रि 11:00 बजे के आसपास पीड़ित बच्ची को पुलिस व चाइल्डलाइन की संयुक्त टीम के पहल पर वाड्रफनगर अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया है ।मामले पर बताया जा रहा है कि पीड़िता को नशे की दवाइयां खिलाने के बाद उसके साथ संभावित रूप से गैंगरेप किया गया है , यहां तक कि उसका गला दबाकर मारने तक की भी मामला स्थानीय ग्रामीणों के हवाले से सामने आ रही है।फिलहाल पीड़ित परिवार पर व पुलिस विभाग पर आरोपितों के परिजनों का दबाव काफी ज्यादा है , वहीं दूसरी तरफ पीड़िता अस्पताल में भर्ती है। जहां उसका इलाज चल रहा है,समाचार लिखे जाने तक ना ही मामले पर किसी प्रकार का अपराध दर्ज हुआ है और ना ही किसी की गिरफ्तारी हो सकती है ।

मेडिकल रिपोर्ट के बाद ही� स्थिति होगी स्पष्ट-वही मामले के संबंध में जब पुलिस एसडीओपी ध्रुवेश जयसवाल से चर्चा किया गया तो उन्होंने बताया कि बच्ची को रात में हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। मामला सामूहिक दुष्कर्म का है या नहीं अभी यह नहीं कह सकते अभी तक महिला चिकित्सकों की टीम नहीं पहुंची हैं उन्हें बुलाया गया है।चिकित्सकों की टीम पहुंचने के बाद उनके द्वारा जांच की जाएगी जांच के बाद जो भी रिपोर्ट आएगी उसके आधार पर ही कार्रवाई की जाएगी।वहीं दूसरी तरफ मामले में संलिप्त सत्ताधारी दल से जुड़े लोगों द्वारा मामले पर पर्दा डालने के लिए हर तरह से दवाब बनाया जा रहा है, स्थानीय ग्रामीणों की माने तो मामले को दबाने के लिए आरोपीतो के परिजनो द्वारा जिले से लेकर राजधानी रायपुर स्तर तक दबाने की कोशिश किया जा रहा है।वही दूसरी तरफ पुलिस मेडिकल जांच रिपोर्ट का इंतजार करनें की बातें कह रही है।