खबरनवीस के कलम को रोकने या प्रभावित करने में अफसरशाही हो या राजनीतिक रसूखदारों को मिलेगी उसकीं ही भाषा व शैली में प्रतिकार........

बस्तर के वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला पर हुए हमले के मामले पर सूरजपुर जिले के सभी पत्रकारों ने की निंदा,प्रशासन व राज्य सरकार से दोषियों पर सख्त कार्यवाही के मांगो का सौपा ज्ञापन

सूरजपुर।वैसे तो सत्ता हो या अफसरशाही जब अपनी जवाबदेही से बिमुख होकर, प्राप्त शक्तियों के आकंठ में खबरनवीस चाहे वह ग्रामीण हो या नगरीय क्षेत्र का उसपर अपने करतुतो पर आईना दिखाने के साथ भ्रष्टतंत्र संबंधित पहलूओं को सार्वजनिक रूप से आमजनों तक अपने कलम से लिखी समाचार को प्रकाशित करने सें बेपर्दा होने का भय से तमाम माध्यमों से दवाब बनाने या प्रभावित करने की कोशिशें अक्सर सामने आती रही है।इन मामलों में अपने उत्तरदायित्व व बुद्धिजीवी होने से नियमसंगत न्याय पाने के लिए उसकी चुप्पी को कमजोरी समझने की मनोवृत्ति पर लगाम कसने के लिए पूरे प्रदेश के हर क्षेत्र से संबंधित पक्ष को उसके ही भाषा व शैली में प्रतिकार मिलने की एक बुलंद आवाज का एहसास इस दफा बस्तर संभाग के वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला�पर हुए हमले के मामले पर आक्रोश व नराजगी का एहसास सत्ता के गलियारों से लेकर राजनितिक रसूखदारी व अफसरशाही के कानों में गुंज रहा है।इसी क्रम में सूरजपुर जिला मुख्यालय में पत्रकारों नें मारपीट की घटना की निंदा करते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग से जुड़े ज्ञापन में उल्लेख करते हुए,कांग्रेस सरकार से वायदे के अनुसार पत्रकार सुरक्षा क़ानून लागू करने की मांग की गई है।आपको बताते चलें की रविवार को जिले के पत्रकारों ने इस घटना में सलिप्त लोगो पर हत्या के प्रयास का जुर्म दर्ज करने व कठोर कार्रवाई के साथ ही भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति रोकने की मांग का ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को सोंपा है। पत्रकार सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष राजेश सोनी ने कमल शर्मा के साथ हुई घटना की निंदा करते हुए कहा है की पत्रकारों पर हमले केवल बस्तर में ही नही अपितु पूरे राज्य में हो रही है। जिस पर अंकुश जरूरी है। पत्रकारों को भय के माहौल में काम करना पड़ रहा है वे अपने कर्त्तव्य का पालन नही कर पा रहे है। किसी भी गुंडे मवाली या किसी रसूखदार के खिलाफ समाचार छाप दीजिये तो फिर उनके ओर पुलिस के निशाने पर आपका आना तय है। बस्तर में भी यही हुआ है जहाँ पुलिस मूक दर्शक बनी रही इस भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग की है। बस्तर में हुए पत्रकार पर हमले की वरिष्ठ पत्रकार उपेंद्र दुबे, ओमकार पांडेय,चंचलेश श्रीवास्तव, विक्की तिवारी,अजय गुप्ता,अजय सोनी, नौशाद अहमद,दिलशाद अहमद, अनवर खान, सुभाष गुप्ता,कौशलेंद्र यादव आदि ने भी निंदा करते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।