कुचामन में कुविस एवम लायंस क्लब द्वारा निशुल्क शिविर में 98 व्यक्ति लाभान्वित

निशुल्क मधुमेह जांच एवं जागरूकता शिविर संपन्न

लायंस क्लब कुचामन एवं कुचामन विकास समिति के संयुक्त तत्वाधान में रिसर्च सोसाइटी फॉर द स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया के सहयोग से शनिवार को श्री अल्लू बाप जी मंदिर जसराना में नि:शुल्क मधुमेह जांँच एवं जागरूकता शिविर सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। शिविर का शुभारंभ अल्लू जी महाराज गौसेवा समिति के अध्यक्ष सोहन लाल स्वामी, अल्लू जी महाराज मन्दिर समिति के अध्यक्ष भागुराम पौड, लांयस क्लब अध्यक्ष लायन श्याम सुंदर सैनी, सचिव लायन हेमराज पारीक, वरिष्ठ सदस्य लायन श्याम सुंदर मंत्री व भंवरसिंह चौहान आदि ने अल्लू बापजी महाराज के दीप प्रज्ज्वलित, मालार्पण व पुष्प अर्पित कर किया।

क्लब अध्यक्ष लायन श्याम सुंदर सैनी ने अपने उदबोधन मे कहा कि विश्व महामारी कोरोना के मद्देनजर, मधुमेह जागरूकता आज के समय की महत्वपूर्ण आवश्यकता है, क्योंकि यह महामारी मधुमेह के रोगियों के लिए ज्यादा परेशानी का कारण बन सकती है। इसी संदर्भ में प्रान्तपाल के निर्देशानुसार क्लब द्वारा आज यह कैम्प आयोजित किया गया है।

क्लब सचिव लायन हेमराज पारीक ने बताया कि शिविर में कुल 98 व्यक्तियों की नि:शुल्क मधुमेह, बीपी, पल्सरेट व आक्सीजन लेवल की जाँच कर 20 मधुमेह रोगी चिन्हित किये गये। शिविर मे कोविड 19 की अनुपालना करते हुए सोशियल डिस्टेंस, हाथ सैनेट्राईज, थर्मस स्क्रीनिग करवाने के साथ ही सभी को मास्क की उपयोगिता बताते हुए मास्क वितरित किए ।

वरिष्ठ सदस्य लॉयन श्यामसुंदर मंत्री ने बताया कि विश्व में कुल मधुमेह ग्रसित लोगों की संख्या का एक चौथाई हिस्सा भारत में निवास करता है। मधुमेह से बचाव ही उपचार है। इस हेतू नियमित जाँच करवानी चाहिए।

डायबिटीज केंद्र प्रभारी भंवर सिंह चौहान ने मधुमेह के लक्षण, बचाव व उपचार के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। मधुमेह की जांँच रामजीवन काबरा रोग निदान के टेक्नीशियन दीनदयाल कुमावत ने की। स्काई वर्ल्ड होटल एंड रिजॉर्ट्स जसराना के प्रबंध निदेशक राजेंद्र पौड- सुरेंद्र पौड ने ग्रामीण क्षेत्र में शिविर लगाने के लिए लायंस क्लब व रिसर्च सोसायटी फॉर द स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया का साधुवाद दिया। शिविर की व्यवस्था मे लायन श्याम सुंदर सैनी, लायन हेमराज पारीक, लायन श्यामसुंदर मंत्री, सोहन लाल स्वामी,भागुराम पौड, रामेश्वर फौजी, हुकमाराम अध्यापक, राजेंद्र पौड, सुरेंद्र पौड, रामेश्वर लाल जांगिड़, एवं मोहित मोयल आदि का सहयोग रहा।