अमेठी में ग्राम प्रधान के खिलाफ डीएम ने की बड़ी कार्यवाही, वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार किए सीज

*जिलाधिकारी ने जालसाजी व कूट रचित दस्तावेज के सहारे अवैध कब्जा करने पर ग्राम प्रधान सेम्भुई के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों पर लगाया प्रतिबंध*

*ग्राम पंचायत में विकास कार्य सुचारू रूप से चलने हेतु तीन सदस्यीय टीम गठित करने के दिए निर्देश।*

अमेठी : जिलाधिकारी अरुण कुमार ने विकासखंड गौरीगंज के ग्राम पंचायत सेम्भुई के ग्राम प्रधान भूपेंद्र प्रताप सिंह के द्वारा फर्जी तरीके से कूट रचित दस्तावेज के सहारे नवीन परती पर अवैध कब्जा कर मकान बनाने व मकान में बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक से ₹4000 प्रतिमाह का अनुबंध कर किराया वसूलने को लेकर ग्राम प्रधान के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार सीज करने के साथ ही रुपये 78400 का जुर्माना भी वसूलने के निर्देश दिए हैं। बताते चलें कि ग्राम प्रधान द्वारा उक्त नवीन प्रति पर अवैध कब्जे को लेकर श्री प्रभात चंद्र उर्फ मनीष त्रिपाठी ने माननीय उच्च न्यायालय में वाद दादर किया था। जिसको लेकर जिलाधिकारी ने उक्त प्रकरण में जिला कृषि अधिकारी को जांच अधिकारी नामित करते हुए जांच कराने के निर्देश दिए। जिला कृषि अधिकारी कि जांच आख्या के अनुसार उक्त ग्राम प्रधान द्वारा कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक सेम्भुई के साथ किराएदारी का अनुबंध किया गया है तथा उससे प्राप्त किराए की रकम का उपयोग किया गया है एवं अवैध रूप से गाटा संख्या 513/क्षे0 0.0280 हेक्टेयर परती भूमि पर कब्जा किया गया है। इसी क्रम में उक्त भूमि से बेदखली की कार्यवाही हेतु न्यायालय तहसीलदार गौरीगंज द्वारा ग्राम सेम्भुई परगना अमेठी तहसील गौरीगंज जिला अमेठी की गाटा संख्या 513/क्षे0 0.0280 हेक्टेयर से अवैध/अध्यासी भूपेंद्र सिंह पुत्र बलदेव सिंह निवासी ग्राम सेम्भुई परगना अमेठी तहसील गौरीगंज जिला अमेठी को उक्त भूमि से बेदखल करने के साथ ही रुपए 78400 की क्षतिपूर्ति एवं ₹935 निष्पादन शुल्क वसूलने हेतु आरसी जारी की गई है। उपरोक्तनुसार जांच आख्या के क्रम में ग्राम प्रधान को कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर अवैध कब्जा करने व प्रधान पद के दायित्वों का दुरुपयोग करने एवं सक्षम न्यायालय के समक्ष कूट रचित अभिलेख/तथ्य प्रस्तुत करने के संबंध में दोषी पाए जाने पर ग्राम प्रधान भूपेंद्र प्रताप सिंह ग्राम पंचायत सेम्भुई विकासखंड गौरीगंज के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों को प्रतिबंधित करने के निर्देश दिए हैं, इसके साथ ही ग्राम पंचायत में विकास कार्य बाधित ना हो इसके लिए 3 सदस्यीय समिति का गठन करने के निर्देश दिए।