बंद कर देना चाहिए सरकारी अस्पताल दे देना चाहिए बंगालियों को लाइसेंस चित्तौड़गढ़ मे

चित्तौड़गढ़ जहां एक तरफ पूरा विश्व कोरोना बीमारी से पीड़ित है वही कुछ स्वार्थी लोग अपने कुछ लालच के लिए जिंदगी से खेलने से पीछे नहीं रह रहे हैं ऐसा ही एक मामला चित्तौड़गढ़ में सामने आया है जहां पर एक बंगाली डॉक्टर ने एक 5 वर्षीय मासूम लड़की के इंजेक्शन लगया जिससे वह लड़की के कमर के नीचे का हिस्सा बिल्कुल चलने फिरने लायक नहीं रहा जिससे व उसके परिवार वाले परेशान हो रहे हैं यह मामला चित्तौड़गढ़ के घटियावली गांव का है जहां पर खेरी निवासी पूनम पिता राजू जोगी रहते हैं राजू जोगी वही स्थित भीमसिंह जी के खेतों पर काम कर अपना व परिवार का पालन पोषण करता है उसकी लड़की पूनम बीमार होने पर वह पास के गांव घटियावली मे एक बंगाली डॉक्टर के पास लेकर गया यह बंगाली डॉक्टर जिसका नाम बादल मंडल है उस ने बिना कुछ देखें कुछ पैसों के लालच में आकर इस छोटी सी लड़की पूनम के कमर पर इंजेक्शन लगा दिया इंजेक्शन लगाने के बाद अगले दिन छोटी सी मासूम पूनम के कमर के नीचे का हिस्सा काम करना बंद कर दिया जिससे पूरा परिवार परेशान होगया .अब सवाल यह उठता है इस घोर लापरवाही का जिम्मेदार कौन यह बंगाली डॉक्टर पिछलेेे 18 वर्षों से यहां काम कर रहा है जिसके पास किसी भी तरह का अनुभव व सर्टिफिकेट नहीं है फ़ीर अगर यही बिना सर्टिफिकेट काम करेंगे तो फिर सभी मेडिकल कॉलेज में बंद कर देनी चाहिए जो डॉक्टर इतनी पढ़ाई कर मरीजो को देखते ओर यह बंगाली बिना पढ़ाई किये काम कर रहे है सबसे गलत बात यह है कि अपने क्लीनिक पर जहां पर यह रोगियोंं को देखता है वहां पर पूरी क्लीनिक पर दवाइयों का ढेर लगा रखा है सवाल यहां यह उठता है एक मेडिकल शॉप लगाने के लिए पढ़ाई करनी पड़ती है के बाद लाइसेंस लेना पड़ता है फिर मेडिकल शॉप लगाई जा सकती है यह बंगाली डॉक्टर इलाज भी कर रहा है और दवाइयां भी रख रहा है हो सकता है आधी से ऊपर एक्सपायर हो गई होगी इन सब चीजों के लिए जिम्मेदार कौन है मान लेते हैं स्वास्थ्य विभाग कोरोनो की वजह से इन बंगाली डॉक्टरों की पकड़ नहीं कर पा रहे थे लेकिन जो बंगाली पिछले 18 वर्षों से यहां काम कर रहा है इन वर्षों में इस डॉक्टर पर सीएमएचओ आफिस द्वारा क्यों नहींं कार्रवाई की इस बंगाली डॉक्टर ने घटियावली में ही तीन डॉक्टरों के बारे में और बताया कहा कि यहां पर 3 डॉक्टर और काम कर रहे हैं ऐसा लगता किन कारणों की वजह से सीएमएचओ विभाग बंगाली डॉक्टरों पर कार्यवाही क्यों नहीं कर रहे हैं