पूज्य संत दशरथ महाराज हुए ब्रह्मलीन, अंतिम दर्शन को उमड़े भक्त

खबर यूपी के अमेठी से है जहां सिद्ध संत स्वामी स्वामी दशरथ महाराज जी बीते मंगलवार को भेल के अस्पताल में इलाज के दौरान ब्रह्मलीन हो गए। एक दिन स्वामी जी तबियत कुछ खराब हुई थी उस समय स्वामी जी मुसाफिरखाना के दुवरिया गांव में थे, जहां से भक्तों ने स्वामी जी को बेहतर इलाज के लिए भेल के अस्पताल में भर्ती कराया था। स्वामी जी के ब्रह्मलीन होने की खबर सुनकर भक्तों में शोक की लहर दौड़ गई। स्वामी जी को बुधवार को ऋषि वाटिका में पूरे विधि विधान से भू समाधि दी गई।

हड़िया बाबा के शिष्य रहे स्वामी दशरथ जी महाराज का जीवन साधना में लीन रहा। बीते कुछ वर्षों से स्वामी जी क्षेत्र के शादीपुर के पूरे यादव राय में आश्रम बनाकर रह रहे थे। भक्तों द्वारा सिद्ध संत की दी गई संज्ञा से जाने जाने वाले स्वामी जी के आश्रम को ऋषि वाटिका और दशरथ जी पुरम भी कहा जाता था। हर वक्त साधना में लीन रहने वाले स्वामी जी विषम परिस्थितियों में भी हमेशा मुस्कुराते रहते थे। 85 वर्ष की आयु में मंगलवार को जब ब्रह्मलीन हुए तो भक्तों में शोक की लहर दौड़ गई स्वामी जी के अंतिम दर्शन के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। रात भर शांति पाठ चला और सुबह स्वामी जी की भू समाधि के लिए तैयारियां शुरू हुई। पूरे विधि विधान से सगरा पीठाधीश्वर मौनी महराज की अगुवाई में हजारों शिष्यों की मौजूदगी में स्वामी जी को भू समाधि दी गई।

आपको बताते चलें कि स्वामी जी के शिष्य रहे कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया व अमेठी की सांसद व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी उनका पैर छूकर आशीर्वाद लेती रही हैं।

अमेठी से अशोक श्रीवास्तव की रिपोर्ट