कुचामन सिटी__भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने सौंपा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन

कुचामन सिटी।

शहर में आज भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के नाम उपखंड कार्यालय में ज्ञापन सौंपा।
दौसा जिले के लालसोट तहसील के बगड़ी ग्राम की मूक बधिर नाबालिग दलित लड़की के साथ गैंगरेप प्रकरण मु. न 178/2020 में न्याय सुनिश्चित कर आंदोलनकारियों के झूठे मुकदमा मु.न 354/2020 वापस लेने के संबंध में ज्ञापन दिया गया।

भारत के महान संविधान में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने यह व्यवस्था दी है कि जब चुनी हुई सरकारों एवं प्रशासन जनता के हक अधिकारों के प्रति उदासीन हो एवं लोकतंत्र व संवैधानिक मूल्यों का हनन हो रहा हो तो सरकार एवं प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए भारत के लोग धरना प्रदर्शन एवं रैली कर सकते हैं विगत दिनों जब आप की सरकार पर संकट आया प्रदेश में विधायकों की खरीद फरोक्त का दौर चला दो आपने भी इसे लोकतंत्र पर हमला बताते हुए अपनी सरकार को बचाने हेतु कई बार धरने प्रदर्शनों का ही सहारा लिया है लोकतंत्र बचाओ के नारे पर कांग्रेस के आव्हान पर पूरे भारत में धरने प्रदर्शन हुए । आप स्वयं ने 102 विधायकों के साथ राजभवन में धरना दिया। सोशल डिस्टेंसिंग को दरकिनार कर आपके नेता मंत्रियों के द्वारा इसी समय जयपुर कलेक्ट्रेट पर विशाल धरना दिया गया। दिनांक 19 अगस्त को टोंक जिले में माननीय सचिन पायलट के स्वागत समारोह में भी विशाल भीड़ रही है इन तमाम कार्यों में प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की परंतु दौसा जिले में लालसोट में बगड़ी गांव में नाबालिग मुक बधिर दलित बालिका से सामूहिक बलात्कार की घटना हुई। जिसमें थाना मंडावरी में 4 दिन बाद मुकदमा दर्ज किया गया। लेकिन इस गंभीर घटना को लेकर प्रशासन का सकारात्मक रवैया नहीं रहा। इसके विरोध में पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग के लिए दौसा कलेक्ट्रेट पर अनुशासनात्मक संवैधानिक तरीके धरना दे रहे युवाओं पर पुलिस ने कोरोना महामारी की आड़ में मुकदमा दर्ज कर व धरने में शामिल होने पर लोकसेवक बनवारी लाल मीणा को APO किया गया है जो कि हक और इंसाफ की आवाज को दबाने का कुत्सित प्रयास किया है।प्रशासन की इस कार्यवाही की हम कड़ी निंदा करते हैं। युवाओं के खिलाफ कोरोना की आड मैं की गई इस कार्यवाही से स्पष्ट हुआ है कि एक प्रदेश में सरकार में बैठे लोगों और आम जनता के लिए कानून में दोहरे मापदंड है जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। इस तरह की कार्रवाई राज्य की शांति के प्रगति के लिए शुभ संकेत नहीं है अतः आपसे निवेदन है कि निम्न मांगों को पूरा किया जाये।

हमारी मांगे इस प्रकार है-

1.पीड़िता को सरकारी नौकरी देकर समस्त परिवार को पुनर्वास की व्यवस्था की जाये।
2 पीड़िता को 25 लाख का मुआवजा दिया जाए।
3.अब तक पूरे राजस्थान बलात्कार जैसे हुई सभी घटनाओं पर सरकार तुरंत संज्ञान ले।
4.पीड़िता को न्याय दिलवाते हुए दौसा में युवाओं पर दर्ज हुए मुकदमें को वापस।
5.धरने में शामिल होने पर लोकसेवक बनवारी लाल मीणा को APO किया उस आदेश को सरकार तुरंत निरस्त करें ।
अतः श्रीमान जी से निवेदन है कि निम्न मांगों को जल्द ही पूरा नहीं किया तो 7 सितंबर 2020 को प्रदेश की राजधानी जयपुर में महाआंदोलन होगा जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन में सरकार की होगी इस अवसर पर मनजीत गांधी, सुरेंद्र कलावत,बजरंग लाल गांधी ,विमल नागोरी, बलबीर अमित डबरिया, नरेश भाटी, करणी सिंह,आनंदपुरा, सोहनलाल, विनोद, बाबूराम आदि मौजूद थे।