​​​​​​​सोखता वहां बनता है जहां पानी सोखे  तालाब में नहीं - सी एम एस डॉ छोटेलाल

सोखता वहां बनता है जहां पानी सोखे तालाब में नहीं - सी एम एस डॉ छोटेलाल
देवरिया जिले के बाबू मोहन सिंह जिला अस्पताल का आलम यह है,कि यह अपने कारनामों से खबरों के सुर्खियों में बना रहता है।
आपको बता दें जहां कोरोना को देखते हुए प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री द्वारा जारी निर्देशों में साफ़ तौर पर कहा गया है कि कहीं भी गंदगी न फैलाएं, कहीं जलजमाव न होने दे लेकिन देवरिया का जिला अस्पताल के अंदर भारी जलजमाव है , जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है, वहीं जिला अस्पताल के आंगनमें पानी जमा होने से पानी में कीड़े मकोड़े, सांप गोजर आदि विषैले कीड़े मकोड़े घूमते हुए नजर आ रहे हैं।आपको यह भी बता दें कि इन आंगानो के चारों तरफ आई सी यू वार्ड, महिला मेडिकल वार्ड, पुरुष मेडिकल वार्ड है जहां मरीज़ भर्ती होते ठीक होने के लिए, लेकिन लगता है कि मरीज़ एक बीमारी से ठीक होंगे तो दूसरी बीमारी उन्हें जकड़ लेगी, वहीं गंदगी के अंबार में घूम रहे विषैले सर्प किसी को दश लेे तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। इस संदर्भ में जब सी एम एस डॉ छोटेलाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जबसे मेडिकल कॉलेज का काम शुरू हुआ है, और मेडिकल कॉलेज की बाउंड्री वॉल बनने से शहर की पानी जिला अस्पताल में चला आता है मै कैसे निकालू, जबकि मैने जिला अस्पताल की जल निकासी के लिए तीन जगह होल करवाएं है फिर भी शहर का पानी जिला अस्पताल के अंदर उन होलो द्वारा आ जाता है, जब उनसे कहा गया कि क्यों नहीं सोखता बनवा दे रहे हैं तो उन्होंने कहा कि सोखता वहां बनता है कि जहां पानी सौखे ये तो तालाब है तालाब में सोखता नहीं बनता।