कारगिल विजय दिवस पर शहीद के परिवार का किया सम्मान

कुचामन सिटी। दिनांक 26-07- 2020 लायंस क्लब कुचामन सिटी के सदस्यों ने कारगिल विजय दिवस के अवसर पर कारगिल में शहीद हुए शहीद कान सिंह डूकिया के घर जाकर परिवार को सम्मानित किया। क्लब अध्यक्ष लायन श्याम सुंदर सैनी ने बताया कि 26 जुलाई 1999 के दिन भारतीय सेना के कारगिल युद्ध के दौरान चलाए गए *ऑपरेशन विजय* को सफलतापूर्वक अंजाम देकर भारत भूमि को घुसपैठियों के चंगुल से मुक्त कराया था, इसी की याद में 26 जुलाई अब हर वर्ष कारगिल विजय दिवस के रुप में मनाया जाता है, यह दिन उन शहीदों को याद कर अपने श्रद्धा सुमन अर्पण करने का है जो हंसते-हंसते मातृभूमि की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। यह दिन समर्पित है शहीद कान सिंह जैसे वीरों को जिन्होंने अपना आज हमारे कल के लिए बलिदान कर दिया। इसी क्रम में आज क्लब के सदस्य शहीद के घर जाकर शहीद कानसिंह डूकिया की तस्वीर पर मालार्पण कर पुष्प अर्पण के साथ ही वीरांगना श्रीमती विमला का पुष्पगुच्छ भेंट कर शाल ओढ़ाकर व तिरंगा भेंट कर सम्मान किया। साथ ही शहीद के पुत्र श्रवण सिंह डूकिया को माल्यार्पण कर साफा वंदन किया और तिरंगा पिन लगाकर सम्मानित करने के साथ ही परिवार के सभी सदस्यों को माल्यार्पण व पुष्प गुच्छ भेंट कर सम्मानित किया।

क्लब के वरिष्ठ सदस्य लायन श्यामसुंदर मंत्री ने अपने उद्बोधन मे कहा कि मातृभूमि पर सर्वस्व न्योछावर करने वाले अमर बलिदानी शहीद कान सिंह जैसे योद्धा भले ही अब हमारे बीच नहीं है मगर इनकी यादें हमारे दिल में हमेशा-हमेशा के लिए बसी रहेगी। आज लायंस क्लब परिवार शहीद कान सिंह के परिवार का सम्मान कर अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा है।

क्लब सचिव लायन हेमराज पारीक ने बताया कि कारगिल युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच सन 1999 में मई माह में कश्मीर के कारगिल जिले में हुआ था। दो महीने चले इस युद्ध में भारत के शूरवीरो ने दुश्मन को पांव पीछे खींचने के लिए मजबूर कर दिया था। इस युद्ध में हमारे 527 से अधिक वीर योद्धा शहीद व 1300 से ज्यादा घायल हो गए थे, इन शहीदों ने भारतीय सेना की शौर्य व बलिदान की उस सर्वोच्च परंपरा का निर्वाह किया जिसकी सौगंध हर सिपाही तिरंगे के समक्ष लेता है।

इस अवसर पर लायन श्याम सुंदर सैनी, लायन हेमराज पारीक, लायन श्यामसुंदर मंत्री, लायन बाबू लाल मान्धनिया, लायन आशीष मंत्री, लायन विकास राजोरिया, शुभम भांगड़िया, श्रवणसिंह डूकिया व शहीद कान सिंह के परिवार के सभी सदस्य उपस्थित थे।