चकिया -गौ वध से भी बदतर हो चुकी है चकिया नगर पंचायत के गौशाला की स्थिति, चारा पानी के अभाव में पशुओं के मौत का सिलसिला लगातार है जारी, अधिकारी मौन

गौ वध से भी बदतर हो चुकी है चकिया नगर पंचायत के गौशाला की स्थिति, चारा पानी के अभाव में पशुओं के मौत का सिलसिला लगातार है जारी, अधिकारी मौन

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

चंदौली/चकिया- जहां एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सड़क पर घूम रहे छुट्टा आवारा पशुओं के लिए शहरी नगरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में भी बेसहारा पशु केंद्र बनाकर एक जगह इकट्ठा करके उनको रखने और पशुओं को समय से चारा पानी देकर उनकी देखरेख करने के निर्देश दिए गए हैं और इसके लिए शासन द्वारा लाखों करोड़ों रुपए का प्रस्ताव भी पास किया जा चुका है और सरकारी पैसे से ही इनकी देखरेख की जाती है। शासन के निर्देशों का पालन करते हुए कुछ जगहों पर तो पशुओं की देखरेख की जाती है तथा बीमार होने पर उनका तुरंत इलाज किया जाता है और उनको समय से चारा पानी दिया जाता है लेकिन कुछ ऐसे गौशाला हैं जहां शासन के निर्देशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जाती हैं और कर्मचारियों तथा विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते पशुओं के मौत का सिलसिला लगातार जारी रहता है।

कुछ ऐसा ही मामला चंदौली जनपद के चकिया नगर पंचायत में स्थित गौशाला परिसर में देखने को मिला है। जहां की चारा पानी के अभाव में लगातार पशुओं के मौत का सिलसिला जारी है और यहां के कर्मचारियों द्वारा लापरवाही की जा रही है आपको बता दें कि इस गौशाला में प्रतिदिन दो-तीन की संख्या में पशु मरते हैं जिनको की बिना पोस्टमार्टम कराए हैं सबको नगर पंचायत के सरकारी ट्रैक्टर पर लादकर नगर पंचायत से सटे जंगल के पास सड़क पर फेंक दिया जाता है जिससे कि गंदी बदबू आने लगती है और उधर आवागमन करने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

*बीमार पड़े पशुओं को जिंदा ही ले जाकर फेंका गया 12 किमी दूर*
हद तो तब हो गई जब नगर पंचायत के कर्मचारियों द्वारा गौशाला परिसर में बीमार पड़े सात-आठ की संख्या में पशुओं को बिना इलाज किए ही 12 किमी दूरी पर स्थित जमसोती जंगल में ले जा कर फेंक दिया गया और उधर से आवागमन कर रहे लोगों ने देखा तो पशु बीमार थे और इलाज के अभाव में तड़प रहे थे। जिसका कुछ लोगों द्वारा वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया लेकिन उसके बाद भी नगर पंचायत के कर्मचारियों द्वारा उस पशुओं को उठा कर नहीं तो गौशाला परिसर लाया गया और ना ही उनका इलाज कराया गया।

*गोवध से भी बदतर हो चुकी है गौशाला में रखे गए पशुओं की स्थिति*
आपको बता दें कि नगर पंचायत चकिया के गौशाला परिसर में बांध कर रखे गए पशुओं की स्थिति गोवध से भी बदतर हो चुकी है जहां के पशु तड़प तड़प कर मर जा रहे हैं लेकिन गौशाला परिसर में ही स्थित पशु चिकित्सालय में तैनात डॉक्टरों द्वारा पशुओं का इलाज नहीं किया जाता है और उन्हें समय से भोजन पानी नहीं दिया जाता है।

*क्या कहते हैं जिम्मेदार*
इस संबंध में उप जिलाधिकारी अजय मिश्रा ने बताया कि मामला संज्ञान में आ चुका है इसकी जांच कराई जा रही है जांच में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी