वीडियो काॅन्फ्रेंस के जरिए, प्रदेश के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति श्री पी.आर. रामचंद्र मेनन ने नगरी स्थित नव निर्मित व्यवहार न्यायालय भवन का लोकार्पण किया

पहली बार व्यवहार न्यायालय भवन का लोकार्पण वीडियो काॅन्फ्रेंस के जरिए, प्रदेश के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति श्री पी.आर. रामचंद्र मेनन ने नगरी स्थित नव निर्मित व्यवहार न्यायालय भवन का लोकार्पण किया

नगरी अशोक संचेती

आज प्रदेश के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति श्री पी.आर. रामचंद्र मेनन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नगरी स्थित नव निर्मित व्यवहार न्यायालय भवन का लोकार्पण किया। सुबह ठीक 11.30 बजे से शुरू हुए इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने हर्ष व्यक्त किया कि वनांचल नगरी में इस सर्व सुविधायुक्त व्यवहार न्यायालय भवन के जरिए क्षेत्रवासियों को न्याय मिलने में सहूलियत होगी। उन्होंने प्रदेश में पहली बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से व्यवहार न्यायालय भवन के लोकार्पण को ऐतिहासिक बताया।

साथ ही उम्मीद भी जताई कि बेहतरीन कार्य वातावरण तैयार कर, यहां लंबित लगभग 314 प्रकरणों का निपटारा गुणवत्तापूर्वक किया जाएगा। उन्होंने विशेष हिदायत दी कि कोविड 19 को ध्यान में रख यहां सोशल और फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा। साथ ही मास्क का उपयोग, नियमित तौर पर हाथ धुलाई भी यहां की जाती रहेगी।

मुख्य न्यायाधिपति ने यहां आधुनिक तकनीकों से लबरेज सभागार और अन्य कक्षों की सराहना अपने उद्बोधन में की।
इस अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंस से जुड़े हुए उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति और पोर्टफोलियो जज धमतरी श्री गौतम चौड़रिया ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रसन्नता जताई कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए महानदी के उद्गम क्षेत्र नगरी में यह नवीन सर्वसुविधायुक्त व्यवहार न्यायालय भवन आज वीसी के जरिए लोकार्पित किया जा रहा है। इसमें जिला प्रशासन के सहयोग की उन्होंने सरहाना की। विशिष्ट अतिथि के तौर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति और छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष श्री प्रशांत मिश्र ने सप्तऋषिओं की तपोभूमि और छत्तीसगढ़ की जीवनदायिनी महानदी का हवाला देते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि यह क्षेत्र अपने में इतिहास संजोए हुए है, आधुनिक सुविधाओं के साथ इस न्यायालय भवन के लोकार्पण से नगरी के लोगों को न्याय मिलने में आसानी होगी।

इस दौरान स्वागत भाषण देते हुए जिला और सत्र न्यायाधीश धमतरी श्री सुधीर कुमार ने कहा कि पुराने भवन में संचालित नगरी के व्यवहार न्यायालय भवन का अपना भवन बनकर तैयार हो गया है और यह आधुनिक तकनीकों से भरपूर है। उन्होंने बताया कि यहां एक सिविल जज अपनी सेवा देंगे। इस व्यवहार न्यायालय के बन जाने से क्षेत्र का सपना पूरा हुआ है। ज्ञात हो कि कार्यक्रम की शुरुवात में उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति श्री पी.आर. रामचंद्र मेनन ने फीता काटकर भवन का लोकार्पण किया। उनके साथ उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति श्री प्रशांत मिश्र और न्यायाधिपति श्री पी.पी.साहू भी वीडियो काॅन्फ्रेंस में मौजूद रहे। नगरी के मुकुंदपुर में लोक निर्माण विभाग द्वारा 239 लाख की लागत से बनाए गए इस 21 कक्ष वाले न्यायालय भवन की विशेषताओं को दर्शाने वाला वीडियो भी इस अवसर पर दिखाया गया। यहां कोर्ट रूम, सभागार, मध्यस्थता कक्ष, अभियोजन कक्ष, दुधपान कक्ष सहित सुविधायुक्त पीड़िता प्रतीक्षा कक्ष है, जिसमें बैठक व्यवस्था सहित एल.ई.डी. टीवी, बच्चों के खिलौने, सुसज्जित और आकर्षक दीवार है। लोकार्पण कार्यक्रम के अंत में कलेक्टर श्री जय प्रकाश मौर्य ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोगी सभी का आभार व्यक्त करते हुए उम्मीद जताई कि इस सर्वसुविधायुक्त नए न्यायालय भवन के बन जाने से अब क्षेत्र के लोगों को न्याय मिलने में और सुविधा होगी। कार्यक्रम में नगरी अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री जागेश सोलंके फैमिली कोर्ट के जज श्री सिराजुद्दीन कुरैशी, अतिरिक्त न्यायाधिपति श्री पटेल, पुलिस अधीक्षक बी.पी. राजभानु सहित अन्य सिविल जज एवं अधिकारी इत्यादि मौजूद रहे।