शहाबगंज- विकासखंड के इस गांव में ग्राम प्रधान की लापरवाही से गांव की गलियों की है नारकीय स्थिति, घूसखोर अधिकारियों ने नहीं कराया ग्राम प्रधान की जांच, साध रखे हैं चुप्पी, इधर ग्रामीण हैं परेशा

ग्राम प्रधान की लापरवाही से गांव की गलियों की है नारकीय स्थिति, घूसखोर अधिकारियों ने नहीं कराया ग्राम प्रधान की जांच, साध रखे हैं चुप्पी, इधर ग्रामीण हैं परेशान

संवाददाता कार्तिकेय पांडेय

चंदौली/चकिया- जहां एक तरफ भाजपा की केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में विकास कार्य के नाम पर करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाए जा रहे हैं तथा हर जगह विकास कार्यो में तेजी लाने का प्रयास किया जा रहा है वह सही तरीके से कार्य किया जा रहा है और शासन के निर्देशों का पालन करते हुए विभागीय अधिकारियों सहित ग्राम प्रधानों द्वारा अपने गांवों में नगरों मे तथा गली मोहल्लो इत्यादि में विकास कार्य कराए जा रहा है लेकिन वही कुछ जगह पर शासन के निर्देशों की पूरी तरीके से धज्जियां उड़ाई जा रही है और विकास कार्य पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है तथा शासन के निर्देशों को अंगूठा दिखाया जा रहा है को लेकर विभागीय अधिकारी पूरी तरह से चुप्पी साधे बैठे हैं। कुछ ऐसा ही मामला चंदौली जनपद के साहबगंज विकासखंड के यूपी बिहार सीमा पर स्थित ग्रामसभा बनरसिया में देखने को मिला है जहां पर विकास कार्य पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है अगर इसको ग्राम प्रधान की बड़ी लापरवाही कहे तो यही सबसे बेहतर होगा। और ग्राम प्रधान की लापरवाही के चलते गांव की गलियों में अभी भी पूरी तरह से पानी का जलजमाव रहता है तथा ग्रामीणों को आने जाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। और आने जाने में ग्रामीण सहित गांव के वृद्ध लोग गिर भी जाते हैं और चोटिल हो जाते हैं इस मामले को लेकर ग्राम प्रधान से कई बार कहा गया लेकिन ग्राम प्रधान के कान पर जूं तक नहीं रेंगा। और ग्राम प्रधान पूरी तरह से लापरवाही करता चला गया। सबसे बड़ी बात तो यह है कि ग्रामीणों द्वारा गांव के विकास कार्य के लिए कई बार तहसील दिवस विकास खंड अधिकारी तथा जिलाधिकारी महोदय तक ज्ञापन देकर प्रार्थना पत्र देकर गुहार लगाया गया लेकिन अब तक चंदौली जनपद के घूसखोर अधिकारियों के चलते ना तो गांव के ग्राम प्रधान की जांच ही कराई गई और ना ही गांव मे कोई भी विकास कार्य कराया गया।

वह ग्रामीणों की शिकायत पर गांव में पहुंचकर जब सिटी अपडेट न्यूज़ नेटवर्क के चंदौली ब्यूरो चीफ कार्तिकेय पांडेय ने जांच पड़ताल किया तो बड़े पैमाने पर गांव में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया और ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान द्वारा गांव के विकास कार्य के लिए आए हुए करीब 7500000 रुपए का गबन कर लिया गया है और गांव में विकास कार्य पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है जिसके कारण पूरे गांव की स्थिति नारकीय हो चुकी है। ग्रामीणों ने बताया कि हम लोग अधिकारियों के यहां प्रार्थना पत्र देकर गुहार लगाकर पूरी तरह से थक चुके हैं लेकिन यह घूसखोर अधिकारी ग्राम प्रधान के आज तक जांच ही नहीं करा पाए।

अब इसमें सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर ग्रामीणों द्वारा कई बार प्रार्थना पत्र दिए जाने के बाद भी विभागीय अधिकारी गांव में पहुंचकर जांच नहीं करा सके और लापरवाह ग्राम प्रधान के खिलाफ आखिर कार्रवाई क्यों नहीं किए।

अब देखना यह है कि सिटी अपडेट न्यूज़ नेटवर्क के समाचार प्रकाशित करने के बाद जिला प्रशासन की नींद टूटती है या नहीं और विभागीय अधिकारी गांव में पहुंचकर निरीक्षण कर और गांव की समस्याओं का हाल जानते हैं या नहीं या फिर उसी तरह से चुप्पी साधे रहते हैं।