चकिया -जनप्रतिनिधियों आखिर कब सुनोगे इस पीड़ित महिला की पुकार, चुनावी दौरे में वोट मांगने ही पहुंचोगे या कुछ मदद भी करोगे

जनप्रतिनिधियों आखिर कब सुनोगे इस पीड़ित महिला की पुकार, चुनावी दौरे में वोट मांगने ही पहुंचोगे या कुछ मदद भी करोगे

संवाददाता कार्तिकेय पांडेय

चंदौली/चकिया- तहसील क्षेत्र के मुबारकपुर गांव निवासिनी बंदना जायसवाल का 10 वर्षीय पुत्र गौतम कुमार जायसवाल पिछले 13 महीनों से कैंसर रोग से पीड़ित है तथा उसे प्लास्टिक एनीमिया के भी बीमारी है और बंदना जायसवाल द्वारा अपने पुत्र को कई जगह छोटे से लेकर बड़े अस्पतालों में दिखाया गया लेकिन अब तक उसका पुत्र ठीक नहीं हुआ और अपने पुत्र का इलाज कराने में बंदना जायसवाल ने अपनी सारी जमीनें भी गिरवी रख दी है तथा अपने शरीर के गाने को ही बेच दिया है अब उसके पास कुछ शेष नहीं रह गया है जिससे कि वह अपने बच्चे का इलाज करा सके और उसकी पैसों के अभाव के चलते वह अपने बच्चे का सही इलाज नहीं करा पा रही है तथा उसका बच्चा अभी भी बीमारी से ग्रसित है और जूझ रहा है। वही 3 दिन पूर्व एक बार फिर बच्चे की हालत बिगड़ गई तुम मां बंदना जसवाल ने गौतम को वाराणसी स्थित एक निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया जहां पर उसको खून की कमी थी। और किसी के द्वारा खून नहीं देने पर अस्पताल में डॉक्टरी के पद पर कार्य कर रही दिव्या सिंह द्वारा ब्लड डोनेट उस बच्चे को दिया गया और दिव्या सिंह ने कहा कि बच्चे के इलाज के लिए जितना मदद हमारे करने लायक हो सकेगा हम उतना मदद करेंगे।

वही आपको बता दें कि कई बार खबरों को प्रमुखता से प्रकाशित करने के बाद भी जनप्रतिनिधियों ने अभी तक इसके बारे में कोई सुधि नहीं ली है तथा अब तक मदद के लिए नहीं पहुंचे हैं।

अब इसमें सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि मामला संज्ञान में आने के बाद भी यह क्यों नहीं सुन रहे हैं आखिर इस पीड़ित महिला की पुकार को यह कब सुनेंगे। क्या ये चुनावी दौरे के समय ही उस पीड़ित महिला के दरवाजे पर वोट मांगने के लिए जाएंगे और मदद का भरोसा दिला कर के चले आएंगे। फिर उसके बाद 5 वर्ष क्षेत्र से गायब दिखेंगे। अब देखना यह है कि खबर प्रकाशित होने के बाद जनप्रतिनिधियों के नींद खुलती है या नहीं और जनप्रतिनिधि मदद के लिए इस महिला के यहां पहुंचते हैं या नहीं।