कलयुगी माँ ने नवजात को फेका तो ममतामयी माँ ने उसे अपनाया

*नवजात शिशु का नामकरण हुआ लक्ष्मी*
खबर अमेठी से है जहां एक कुमाता ने नवजात बच्ची को झाड़ियों में फेंका तो वहीं एक ममतामई मां ने नवजात को उठाकर अपना दूध पिलाकर उसे जीवन दान दिया।

घटना बीते मंगलवार की है। कोतवाली गौरीगंज के पूरे विरंजा मजरे कौहार में मंगलवार को सुबह लगभग 10 बजे कौहार जुड़ियापुर रोड पर पुल के नजदीक झाड़ियो में नवजात शिशु की रोने की आवाज चरवाहों ने सुनी। करीब से जाकर देखने पर अखबार व कपड़े में लपेटी हुई नवजात बच्ची को देखा जिसकी खबर क्षेत्र में आग की तरह फैल गयी। झाड़ी में फेंकी हुई बच्ची को देखने आसपास के इलाके के सैकड़ो ग्रामीण इकट्ठा हो गये। इसी में ममता से ओतप्रोत राम सुख चौहान की पुत्री राधा पत्नी राज बहादुर जो अपने ससुराल गौरीगंज से मायके आयी थी, नवजात को देखते ही ममता के आँसू छलक गये। उन्होंने बिटिया को अपने जिगर से लगाकर मातृत्व का पहला दूध पिलाया। अपने घर लाकर नवजात शिशु का इलाज करवाया। बच्ची अब पूरी तरह से स्वस्थ है। राधा की अपनी एक पुत्री परिधि भी है जो महज एक वर्ष की है। राधा ने कहा कि हमे बिटिया से बहुत लगाव है। लड़का हो लड़की इससे कोई फर्क नही पड़ता। राधा द्वारा किये गये मानवीय व उत्कृष्ट कार्य की क्षेत्र में बहुत प्रशंसा हो रही है। बिटिया लक्ष्मी को भी एक नाम के साथ माँ बाप का नाम व छत का सहारा मिल गया जो इस दौर में बहुत कम ही देखने को मिलता है।