कलेक्ट्रेट में दलालों के आगे बौना साबित हुआ प्रशासन, पोस्टर लगाकर अब किया जा रहा है दलालों से सावधान

खबर यूपी के अमेठी से है जहां जिले के मुखिया के बैठने वाले कार्यालय के बाउंड्री परिसर से लेकर उपजिलाधिकारी व अन्य अधिकारियों के कार्यालयों व न्यायालय कक्षों के बाहर चिपका हुआ अजीबो गरीब पोस्टर देखकर दिमाग ही सनक गया। दलालों के आगे बेबस हो चुका प्रशासन अब दलालों से सावधान लिखे हुए पोस्टर का सहारा ले रहा है।

जिले का कलेक्ट्रेट इस समय दलालों की कारगुज़ारियों से इस कदर त्रस्त हो चुका है कि परिसर में चारो तरफ "दलालों से सावधान" के पोस्टर लगवाने पड़ गए। जिले के सभी बड़े अधिकारियों मसलन एसडीएम, एडीएम, तहसीलदार के दफ्तर व न्यायालय इसी कलेक्ट्रेट परिसर में है, और तो और जिले के कमान सम्हालने वाले मुखिया का भी दफ्तर व न्यायालय इसी परिसर में है लेकिन दलालों के आगे बेबस हो चुके अधिकारियों कर्मचारियों ने अब पोस्टर का सहारा लेते हुए जनता को सावधान करने की कवायद में लगे हुए हैं। जहां ये अधिकारीगण स्वयं जनसुनवाई से लेकर वहां की हर गतिविधियों पर निगाह भी रखते हों तो ऐसे में परिसर में लॉक डाउन के दौरान दलालों की बाढ़ कैसे आ गई और जनता को सावधान करने के लिए पोस्टर लगाने के लिए अनुमति देनी पड़ी।

सवाल यह भी उठता है कि जब प्रशासन को यह पता चल चुका है कि कलेक्ट्रेट में दलाली हो रही है तो दलालों, संबंधित बाबुओं या अधिकारी को चिन्हित कर उन पर कार्यवाही करने के बजाय पोस्टर लगा कर जनता को सावधान रहने की हिदायत क्यों ? क्या जिला प्रशासन की सतर्कता औऱ निगरानी इतनी कमजोर है या दलालों के माध्यम से काम होगा का संदेश दिया जा रहा है। जिले के कलेक्ट्रेट में हावी हो चुके दलालों के काकस से प्रशासन भी घबरा चुका है । ये दलाल कौन हैं, कहाँ से पैदा हो गए औऱ कलेक्ट्रेट के वे अधिकारी व बाबू कौन हैं, जो इनके प्रश्रयदाता हैं ये तो जांच का विषय है लेकिन कलेक्ट्रेट में लगे दलालों से सावधान के पोस्टर जिले की प्रतिष्ठा व मर्यादा को तार तार कर रहे हैं वही आने जाने वालों के लिए चर्चा का भी विषय बना हुआ है।

यहां प्रश्न ये भी उठता है कि जब प्रशासन को मालूम हो चुका है कि कलेक्ट्रेट में दलालों का वर्चस्व बढ़ चुका है और दलाली करने वाले कौन हैं फिर भी आज तक प्रशासन द्वारा कड़ी कार्यवाही को कौन कहे, नाम मात्र की कार्यवाही की तरफ भी निगाह नहीं दौड़ाई गई। आखिर ये पोस्टर चिपकान वाले कौन हैं, क्यों चिपकाया गया और इसके पीछे मकसद क्या है, इस संबंध में जांच कर कड़ी से कड़ी कार्यवाही अपेक्षित है और यदि पोस्टर प्रशासन की तरफ से चिपका कर जनता को आगाह किया जा रहा है तो निश्चित रूप से ये बेहद भयावह स्थित की ओर इंगित करता है।

अमेठी से अशोक श्रीवास्तव की रिपोर्ट