बच्चों के अपील का नहीं पड़ा अधिकारियों पर असर

मैदान की दशा -दिशा बिगड़ने पर तुले अधिकारी व ठेकेदार
*बच्चों के अपील का नहीं पड़ा अधिकारियों पर असर
हाई स्कूल खेल मैदान की दशा -दिशा बिगड़ने पर तुले अधिकारी व ठेकेदार

एक तरफ बच्चे खेल मैदान के अस्तित्व को बचाने जूझ रहे हैं तो दूसरी तरफ अधिकारी व ठेकेदार खेल मैदान की दशा व दिशा बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.....
बच्चों के अपील का भी अधिकारी व ठेकेदारों पर किसी तरह का कोई असर नहीं पड़ा और खेल मैदान पर निर्माण कार्य जारी रखे हुए हैं।...........

मामला नगरी के हृदय स्थल पर स्थित एकमात्र खेल मैदान श्रृंगी ऋषि हाई स्कूल का है। अधिकारियों की लापरवाही के चलते पहले से ही बदहाल श्रृंगी ऋषि हाई स्कूल खेल मैदान के अस्तित्व को मिटाने पर तुले जिम्मेदार अधिकारी व ठेकेदार मैदान पर छोटा सा अतिरिक्त कक्ष निर्माण कार्य कर रहे हैं निर्माण कार्य प्रारंभ होने के पूर्व ही नगर के होनहार बच्चों ने नगर प्रशासन, श्रृंगी ऋषि हाई स्कूल के प्राचार्य ,सी ओ जनपद से हाई स्कूल मैदान में हो रहे थे निर्माण कार्य को रोकने की अपील की गई पर अधिकारियों पर बच्चों की अपील का कोई असर नहीं हुआ। जबकि हाई स्कूल परिसर में अतिरिक्त कक्ष के लिए काफी जमीन उपलब्ध होते हुए भी एकमात्र खेल मैदान के अस्तित्व को मिटाने का प्रयास किया जा रहा है।

हाई स्कूल के प्राचार्य सर से बात करने पर
प्राचार्य श्रृंगी ऋषि हाई स्कूल- ने कहा की मैंने अतिरिक्त कक्ष हाईस्कूल मैदान में बनाने की अनुमति दी है। क्योंकि हाई स्कूल परिसर में सामने जो स्थान है ,वहां अतिरिक्त कक्ष बनेगा तो, स्कूल की सुंदरता खराब हो जाएगी।

वहीं खेलने वाले खेल प्रेमी हाई स्कूल मैदान को सजाने संवारने के लिए कई बार अधिकारियों से निवेदन किया मगर कोई सुनने वाला नहीं

जहां पर निर्माण किया जा रहा है उसी के बगल पर स्कूल में एक रूम का छत उड़ गया है जो कोई काम का नहीं रहा है उसे तोड़ कर भी उस अतिरिक्त कमरा का निर्माण किया जा सकता है जब मैदान और स्कूल के बीच की दीवार तोड़ी जा सकती थी तो उस खंडहर नुमा की भी दीवार तोड़ी जा सकती थी

क्या हाई स्कूल के मैदान का अस्तित्व बचाने के लिए आएंगे जनप्रतिनिधि

देखना है जनप्रतिनिधियों को खेलने वाले खिलाड़ियों से कोई लेना-देना की नहीं........
या फिर खेल प्रेमियों को ही मैदान को बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा......
अब देखना है क्या होता है हाई स्कूल मैदान की अस्तित्व मिटती है कि बचती है.....।