अपने दो मासूम बच्चों को कावड़ में बैठाकर 1300 किमी पैदल चला गरीब प्रवासी मजदूर

अपने दो मासूम बच्चों को कावड़ में बैठाकर 1300 किमी पैदल चला गरीब प्रवासी मजदूर

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

जदूर की तस्वीर वायरल हो गई। आंध्र प्रदेश के कडपा जिले से 8 लोगों का यह परिवार 1300 किलोमीटर दूर छत्तीसगढ़ जाने के लिए निकला है।
लॉकडाउन की वजह से रोजी-रोटी पर पड़ी मार के बाद देशभर के विभिन्न हिस्सों में सड़कों पर चल रहे मजदूरों के हजारों अनकहे किस्से हैं। ऐसा ही एक वाकया आंध्र प्रदेश में सामने आया है। 40 साल के व्यक्ति के परिवार के बारे में पता चलने पर पुलिस ने अपनी क्षमता में पूरी मदद की।


हमारे सहयोगी टीओआई से बातचीत में हेड कॉन्सटेबल आई जगदीश कुमार ने बताया, 'मुझे पता चला कि दो छोटे बच्चों सहित 8 लोगों का परिवार कड़ी धूप में अडोनी-येम्मिगानूर रोड पर चले जा रहा है। परिवार के मुखिया की पहचान बिहारी के तौर पर हुई। वे कडपा जिले से छत्तीसगढ़ जा रहे हैं। मैंने उन्हें कुरनूल जिला कलेक्ट्रेट में मदद के लिए जाने की पेशकश की। लेकिन वे हैदराबाद जाने की बात पर अड़े रहे, जहां से उन्हें घर के लिए ट्रेन मिलने की उम्मीद है।'
उन्होंने बताया, 'विभाग के सहयोगी पुलिसकर्मियों की मदद से उन्हें खाना, पानी, बिस्किट और कुछ कैश मुहैया कराया गया। उन्हें एक ट्रक में बैठाया और ड्राइवर को पैसा नहीं लेने का निर्देश दिया। बिहारी को मैंने अपना फोन नंबर भी दिया और किसी तरह की दिक्कत आने पर फोन करने को बोला है। हम रोज पैदल चलते मजदूरों की हर संभव मदद कर रहे हैं।'


देश और राज्य में सत्तारूढ़ राज्यों द्वारा किए जा रहे तमाम दावों के इतर जमीन पर प्रवासी मजदूरों की हालत काफी कड़वी है। सरकार द्वारा स्पेशल ट्रेनें चलाए जाने के बावजूद प्रति दिन हजारों की संख्या में मजदूर पैदल चलने को मजबूर हैं। लॉकडाउन के बाद काम बंद होने से पड़ी आर्थिक मार के बाद प्रवासी मजदूर किसी भी तरह से अपने घर पहुंचना चाहते हैं।