प्रवासियों की जाँच एवं क्वारेन्टाईन की पुख्ता तैयारी-जिला कलक्टर

चित्तौड़गढ़ जिले के निम्बाहेड़ा कस्बे में कोरोना संक्रमण जितनी तेजी से फैला था उसी तेजी से यह कम भी हो रहा है। अब हमें जिले में बाहर से आने वाले प्रवासियों की प्रभावी चिकित्सकीय जाँच एवं क्वारेन्टाईन पर पूरा ध्यान देना है ताकि जिला संक्रमण मुक्त रहे। राज्य सरकार के नए दिशानिर्देशों के अनुसार कुछ और दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई है ऐसे में हमें सोशल डिस्टेंसिग, मास्क, सेनिटाईजेशन का उपयोग करते हुए कोरोना के विरूद्ध अपनी सतर्कता जारी रखनी हैजिला कलक्टर चेतन देवड़ा ने गुरूवार को आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि निम्बाहेड़ा में संक्रमण का पहला केस मिलते ही प्रशासन ने सक्रियता दिखाते हुए निम्बाहेड़ा कस्बे की 5 प्रतिशत आबादी की सैंपलिंग की है। राहत की बाद यह है कि कुल पाजिटिव के 33 प्रतिशत यानि 47 मरीज रिकवर भी हो चुके हैं। इसमें से 23 आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर और 24 निम्बाहेड़ा कोविड केयर सेन्टर में स्वस्थ हुए है। इन 47 को कुंदन लीला रिर्सोट चित्तौड़गढ़ स्थित स्टेप डाउन सेन्टर में रखा गया हैजिला कलक्टर ने जिले में आने वाले अनुमानित 25 हजार प्रवासियों के जिले में प्रवेश के बाद उपयोग में ली जाने वाली प्रक्रिया की पुख्ता पालना सुनिश्चित करने पर बल दिया। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया का पालन करके ही हम जिले में संक्रमण रोक पायेंगे। इस प्रक्रिया के तहत् प्रवासियों का पंजीयन, स्क्रीनिंग और संक्रमण के लक्षण दिखने पर कोविड केयर सेन्टर में ले जाना तथा लक्षण नहीं होने पर निवास स्थान पर अथवा संस्थागत क्वारेन्टाईन करवाना जरूरी है। इनमें समस्या आने पर संबंधित थाने अथवा उच्चधिकारियों से मदद ली जा सकती है। क्वारेन्टाईन की प्रभावी मानिटरिंग के लिए जिला, उपखंड, पंचायत और शहरों में वार्ड स्तरीय क्वारेन्टाईन प्रबंधन समितियों का गठन किया जाना हैजिले से बाहर जाने वाले प्रवासियों के बारे में उन्होंने कहा कि बिहार और यूपी जाने वाले करीब 5 हजार प्रवासियों की सूची का सत्यापन करके राज्य सरकार को भिजवा दी गई है। इसी प्रकार अन्य राज्यों में जाने वाले प्रवासियों के पंजीकरण और सत्यापन का कार्य प्राथमिकता के साथ किया जा रहा है। यदि किसी प्रवासी को ऑन लाईन पंजीकरण में किसी प्रकार की दिक्कत आ रही है तो वो संबंधित क्षेत्र के थाना अथवा तहसील में भी अपनी सूचना दे सकता है। बिना साधन वालों के लिए राज्य सरकार से समन्वयन कर ट्रेन अथवा बस की व्यवस्था के जरिये इन्हे गंतव्य तक पंहुचाया जायेगाजिला कलक्टर ने बताया कि राजस्थान सरकार के गृह विभाग के आदेशानुसार रेस्टोरेंट, भोजनालय, मिठाई की दुकानें खुल सकेगी पर वहाँ से केवल सामग्री खरीद सकेंगे अथवा होम डिलेवरी की जा सकेगी। ग्रामीण क्षेत्र के सड़क के समीप स्थित समस्त ढाबे खुलेगें। हार्डवेयर, निर्माण सामग्री, एसी कुलर, इलेक्ट्रोनिक एवं विद्युत संबंधी दुकानें, वाहन विक्रय शोरूम और इलेक्ट्रोनिक रिपेयर दुकानें भी नियत समयावधि में खुलेंगी। जिला कलक्टर ने स्पष्ट किया कि इन दुकानों के खुलने में भी पूर्व निर्धारित दिशा निर्देशों की पालना करनी होगी जिले की कोरोना स्थिति का आंकलन करने आई केन्द्रीय टीम ने जिला प्रशासन की रणनीति की प्रशंसा की है। स्वस्थ हुए मरीजों को चिकित्सालय में रखने की बजाय स्टेप डाउन सेंटर में रखने की रणनीति को टीम ने अभिनव प्रयोग बताया। टीम ने प्रभावी कर्फ्यू और बार्डर सील करने को संक्रमण रोकने में सहायक माना है। जिला कलक्टर ने पत्रकारों को बताया कि जिला चिकित्सालय चित्तौड़गढ़ और उप जिला चिकित्सालय निम्बाहेड़ा को दबाव से मुक्त रखने और सामान्य चिकित्सा व्यवस्था के लिए उपलब्ध रखने के लिए स्टेप डाउन सेंटर की स्थापना की गई है निम्बाहेड़ा की स्थिति के बारे में चर्चा करते हुए जिला कलक्टर ने कहा कि जीरो मोबिलिटी के कारण जनता को कुछ दिक्कतों का सामना करना पडा है पर संक्रमण रोकने के लिए इसके अतिरिक्त कोई मार्ग नहीं था। जैसे जैसे संक्रमण काबू में आया है वैसे वैसे प्रशासन ने आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता बढ़ाई है। प्रतिदिन 12 से 13 हजार लीटर दूध की डोर टू डोर सप्लाई की जा रही है। राशन सामग्री के वितरण की प्रभावी व्यवस्था की गई है। पीडीएस दुकानों के माध्यम से गेहूँ की बजाय 29 टन आटे का वितरण किया जा रहा है जिसमें से 60 प्रतिशत वितरण हो चुका है। इसके साथ ही 1 किलो दाल का भी वितरण किया जा रहा है। नकदी की समस्या से निजात दिलाने के लिए दो मोबाईल एटीएम कार्यरत है जिसके माध्यम से 20 लाख 21 हजार की राशि लोगों ने प्राप्त की है। पानी की समस्या आने पर आपूर्ति का समय बढ़ाया गया हैं तथा जरूरत वाले क्षेत्रों में टैंकरों से भी सप्लाई की जा रही हैंपत्रकार वार्ता में जिला पुलिस अधीक्षक ने कहा कि हमें वर्तमान स्थिति में संक्रमण से बचाव के लिए स्वयं सुरक्षा की आदत विकसित करनी होगी। पुलिस प्रशासन दिए गए दिशा निर्देशों की पालना के लिए समझाईश के जरिये जनता को जागरूक करेगी और नहीं मानने पर निर्धारित जुर्माना वसूली होगीउन्होंने बताया कि लॉक डाउन में अब तक 126 मुकदमे दर्ज हुए जिनमें से धारा 188 के 110 मुकदमे, सोशल मीडिया पर अफवाहों के 10 मुकदमे, राजकार्य में बाधा के 3 मुकदमे तथा 3 अन्य मुकदमे दर्ज किए गए। इनके तहत कुल 257 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसी प्रकार धारा 151 के तहत् 315 लोगों की गिरफ्तारी हुई हैलॉकडाउन के दौरान शराब माफिया एवं तस्करों की धरपकड़ हुई है। इसके तहत 76 प्रकरण आबकारी के पंजीबद्ध हुए जिसमें 80 लोग गिरफ्तार हुए है। एनडीपीएस के 26 प्रकरण दर्ज हुए है जिनमें 34 अभियुक्त गिरफ्तार किया गया है। पत्रकार वार्ता में अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) मुकेश कुमार कलाल भी उपस्थित थे।