रोक के बावजूद ग्राम प्रधान ने ग्रामनिधि खाते का पैसा अपने ब्यक्तिगत खाते में किया हस्तांतरित - अवनीश शंकर राय

सूत्रों के अनुसार रोक के बावजूद ग्राम प्रधान ने ग्रामनिधि का पैसा अपने ब्यक्तिगत खाते में किया हस्तांतरित* कुशीनगर के दुदही ब्लॉक के बास गांव का मामला है।


*पीएफएमएस प्रणाली लागू होने के बाद किये गए इस भुगतान में सरकारी धन के गोलमाल की आशंका*


*तमकुहीराज(एसएनबी) तमकुहीराज तहसील के दुदही विकास खण्ड के ग्राम पंचायत बाँसगाँव मे सरकार द्वारा �एक अगस्त से चेक या अन्य किसी माध्यम से खाते से भुगतान पर रोक लगाकर पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (पी.एफ.एम.एस) लागू किये जाने के बाद भी वहां के ग्राम प्रधान द्वारा ग्रामनिधि के खाते से अपने ब्यक्तिगत खाते में लगभग सवा नौ लाख रुपए हस्तांतरित किये जाने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। सरकारी धन के दुरूपयोग का यह तो एक बानगी मात्र है जनपद के सबसे बड़े ग्राम पंचायतों में से एक इस ग्रामसभा में होने वाले विकास कार्यो , शौचालय तथा अन्य मामलों का अगर सही ढंग से जांच पड़ताल करवा लिया जाएगा तो ऐसे ऐसे बहुत सारे मामले देखने को मिलेंगे जो पंचायती राज एक्ट की अवधारणा को मजाक बनाकर नियम बिरुद्ध तरीके से प्रधान और सचिव द्वारा सम्पादित किया गया है।*
*उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा बीते 2019 के अगस्त महीने से ग्राम पंचायतों और क्षेत्र पंचायतो के खातों से सभी तरह के भुगतान पर रोक लगाते हुए पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (पी.एफ.एम.एस) के तहत भुगतान कराने का निर्णय लिया था जिसके मद्देनजर जिला पंचायत राज अधिकारी कुशीनगर द्वारा सभी बैंकों तथा सभी एडीओ पंचायत और सचिव और प्रधान लोगो को पत्र जारी कर 1 अगस्त के बाद पी एफ एम एस के अलावा किसी भी तरह के भुगतान पर रोक लगवा दिया। सरकार और डीपीआरओ के रोक के बाद भी बांसगांव के प्रधान कन्हैया लाल यादव द्वारा ग्राम पंचायत की ग्राम निधि से अपने ब्यक्तिगत खाते में दिनांक 23 जुलाई 19 को 255500, दिनांक 5 अगस्त 2919 मो 173444, दिनांक 7 अगस्त 2019बको 245966, दिनांक 13 अगस्त 19 को 251580 रूपया यानी 23 जुलाई से 13 अगस्त तक कुल 926490.00 रुपया हस्तांतरित करवा लिया है। किसी भी ग्राम प्रधान द्वारा ग्राम निधि से अपने ब्यक्तिगत खाते में पैसे का हस्तांतरण का यह पहला मामला हो सकता है जिसके सार्वजनिक होने के बाद लोगो मे तरह तरह की चर्चा ब्याप्त है। इस मामले में सबसे बड़ा मामला यह है कि (पी एफ एम एस ) प्रणाली लागू होने के बाद भी ग्राम प्रधान और सचिव ने चेक से भुगतान कराया जो सीधे तौर पर सरकार तथा अपने उच्चाधिकारियों के आदेशों की अनदेखी है लेकिन उससे भी बड़ा ब्लंडर यह है कि ग्रामनिधि के खाते से ग्राम प्रधान ने चेक के माध्यम से उसे अपने ब्यक्तिगत खाते में हस्तांतरित करवाया है। सिर्फ यही नही इस प्रकरण में बैंककर्मियों की कार्यशैली भी सवालों के कटघरे में है क्योंकि जब डीपीआरओ ने सभी तरह के भुगतानों पर रोक लगाने सम्बन्धी पत्र सभी बैंकों को भेज दिया तो उसके बाद भी बैंक कर्मियों ने किस परिस्थिति में इतने बड़े रकम का भुगतान कर दिया। सूत्रों कि माने तो यह गड़बड़झाला तो एक बानगी मात्र है अगर सही ढंग से जांच पड़ताल हो तो इस ग्राम सभा मे बहुतेरों ऐसे मामले सार्वजनिक होंगे जिसको देखकर सभी भौचक्के रह जाएंगे। अपने नाक के नीचे हो रहे इस गोलमाल की एडीओ पंचायत दुदही रामबिलास गौड़ को भनक भी नही है न जाने वह किस तरह से ग्राम पंचायत के निधियों का पर्यवेक्षण कर रहे है। उनका कहना है कि अगर ऐसा हुआ होगा तो दोषी लोग दण्डित होंगे। इस संदर्भ में जिला पंचायत राज अधिकारी आर के द्विवेदी का कहना है कि यह मामला उनके संज्ञान में नही है अगर ऐसा हुआ है तो यह गम्भीर मामला है इस प्रकरण की जांच करवाता हु अगर मामला सही पाया गया तो दोषियो के बिरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।*

अवनीश शंकर राय

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