₹5 का गुड़ाखू डिब्बी बिक रहा है ₹70 में 60 का दारू 100 मे

नगरी अशोक संचेती

कोरोना वायरस के चलते जहां पूरे देश में लॉक डाउन की स्थिति बनी वही सभी कारखाने दुकाने बंद हो गई है जहां तक सरकार को सबसे आमदनी राजस्व देने वाला विभाग शराब दुकान भी बंद कर दिया गया साथ में ही नशे के हर चीजों को बंद किया गया दारू दुकान पाउच तमाखू गुटखा पान सिगरेट गुड़ाखू को पूरी तरह से बैन किया गया मगर छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा बिकने वाला पाउच और गुड़ाखू दारू दुकान बंद कर दिए गए मगर वही लोगों को आज भी दारू पीके घूमते देखा जा सकता है पाउच खाकर थुकते देखा जा सकता है गुड़ाखू करने वालों को गुड़ाखू करते देखा जा सकता है इन सब के सेवन करने वालों का कहना है कि खाना मिले या ना मिले मगर यह सब चीज मिल जाने चाहिए फिर किसी चीज की जरूरत नहीं इसी के चलते जहां दारू ₹60 में मिलता था वही दारू आज ₹100 में बिक रहा है जो पाउच ₹5 से ₹10 में मिलते थे आज जो पाउच ₹30 से ₹50 में बिक रहे हैं वही गुड़ाखू छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा उपयोग होने वाला चीज महिलाएं पुरुष हर तबके के लोग इसका उपयोग दिन में कम से कम 5 से 6 बार करते हैं जो गुड़ाखू की डिब्बी ₹5 में बिकती थी लॉक डाउन होते ही इसकी कीमत ₹20 हो गई उसके बाद ₹30 ₹35 ₹50 आज ₹70 में वही ₹5 की डिब्बी बिक रही है कुछ लोगों ने अपना नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि कई दुकानदारों के पास से कुछ ब्लैक में बेचने वाले खरीद कर ले गए और मुंह मांगे दाम पर बेच रहे हैं इसका उपयोग करने वालों का कहना है कि मजबूरी है 70 नहीं ₹100 में भी इसको लेना पड़ेगा क्योंकि रोजमर्रा जिंदगी में यह शामिल हो गया है अगर गुड़ाखू नहीं घिसे तो पेट फूलना सर में दर्द शरीर में दर्द चालू हो जाता है वहीं पुलिस विभाग इन सब चीजों को रोकने के लिए दिन रात एक कर रही है मगर शायद इन सब चीज के आदि हो चुके लोग कहीं ना कहीं से अपनी व्यवस्था कर लेते हैं वहीं कुछ लोगों का कहना है कि घर में ही गुड़ाखू बनाकर उपयोग कर रहे हैं बनाने वालों ने विधि बताइए तंबाकू की पत्ती गुड़ नस मंजन को मिलाकर अच्छे से पीसकर पेस्ट बना लिया जाता है गुड़ाखू की जगह में उपयोग किया जा रहा है जिससे मन को तसल्ली मिल रही है मगर वह मजा नहीं मिल रहा है मगर वही कुछ लोगों का कहना है कि इन सब नशे की चीजों को पूरी तरह से बैन कर दिया जाना चाहिए क्योंकि लोग 1 महीने से भी ज्यादा इन सभी चीजों के बिना जहां रह रहे हैं वहां हमेशा के लिए भी रह सकते हैं वहीं कुछ जानकारों का कहना है कि लोक डाउन चलते सभी मजदूर अपने घर की ओर चले गए हैं जिसके चलते काम बंद हो गए हैं माल बनना बंद हो गया है आगे इससे ज्यादा तकलीफ बढ़ने वाली है नशा करने बालों के लिए