भगवान सब देख रहा है, लोगों को दिखाकर क्या करेंगे - इंस्पेक्टर अवधेश कुमार यादव

उजागर हुआ कोतवाली मुसाफिरखाना पुलिस का मानवीय चेहरा

अमेठी: कोरोना महामारी के चलते पूरे देश में लाक डाउन के चलते लोगों का आवागमन बंद होने से पशु पक्षियों को भी भुखमरी का सामना करना पड़ रहा है । इनकी तरफ किसी का ध्यान नहीं जा रहा है । लाक डाउन के चलते जनमानस जहाँ अपने घरों में रह रहा है और बाहर न निकलने से उन जानवरों को भी भुखमरी का सामना करना पड़ रहा है जो इंसान पर ही आश्रित हैं।

अमेठी के मुसाफिरखाना में सुल्तानपुर लखनऊ हाईवे पर स्थित कादू के जंगल में बंदरो का एक बड़ा समुदाय रहता है जहाँ लॉक डाउन के पहले आवागमन के चलते राहगीर व गाड़ी चालक उनके लिए कुछ न कुछ खाने की चीजें ले जाकर खिलाते रहते थे। लॉक डाउन के बाद से आवा गमन बंद होने से वहाँ के बन्दर भुखमरी की कगार पर आ गए हैं, ऐसे में मुसाफिरखाना थाना के इंस्पेक्टर अवधेश यादव व पड़ोसी गांव नेवादा के अखिलेश सिंह नेवादा अपनी उदारता को रोक न सके और स्वयं खाने की चीजें व फल लेकर लोगों के साथ जंगल में पहुँच कर बंदरों को खिलाया। अपना भोजन पाकर बन्दर का झुंड खाने के टूट पड़ा। आप देख सकते हैं कि कैसे इन्हे इनका भोजन दिया जा रहा है और कैसे झपटकर दौड़ दौड़ कर खा रहे हैं।

ऐसे में इंस्पेक्टर अवधेश कुमार यादव से इस सहृदयता के बारे में दो शब्द बोलने को कहा गया तो उन्होंने कैमरे के सामने बोलने से साफ मना करते हुए कहा कि ये बड़े ही पुण्य का कार्य है भूखे प्यासे को भोजन देकर हमे बड़ी आत्म संतुष्टि मिली है, भगवान सब देख रहा है, लोगों को दिखाकर क्या करेंगे।

अमेठी से अशोक श्रीवास्तव की रिपोर्ट