सुशासन के सरकार में पत्रकारों पर हो रहे हमला प्रशासन मौन

सीवान:दारौंदा थाना क्षेत्र के बगौरा गांव में मुखिया पति सत्येंद्र शर्मा,सांसद प्रतिनिधि वीरेंद्र शर्मा,वार्ड सदस्य पुत्र वीरू पटेल एवं उनके गुर्गों द्वारा भी एस एस के संचालक एवं पत्रकार अभिषेक मिश्रा एवं कैमरा मैन ओमप्रकाश सोनी पर जानलेवा हमला कर दिया गया है।जिसमे कैमरा मैन गंभीर रूप से धायल हो गए।घटना के सूचना मिलते ही पत्रकार के सहयोगी आनंद मिलने के लिए आए तो उन पर भी हमला कर के गंभीर रूप से घायल कर दिए।तीनो लोगो को जबर्दस्ती उठा ले जा कर अनजान जगह पर फिर से मारपीट किया गया।हॉकी डंडे के बल पर तीनों लोग से सादे कागज पर हस्ताक्षर कराया गए।जान से मारने की धमकी दी गई।
घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि एक सप्ताह पूर्व बगौरा पंचायत वार्ड 06 एवं 08 के ग्रामीणों ने आवेदन दे कर पत्रकार को अपने वार्ड में बुलाया की हमारे वार्ड में दो वर्ष पूर्व जल नल का कार्य पूर्ण हो गया है लेकिन अभी तक नल से एक बूंद पानी नही टपका।इस खबर को पत्रकार द्वरा अपने न्यूज़ चैनल VSS के माध्यम से दिखाए।जिसके बाद मुखिया पति,सांसद प्रतिनिधि एवं वार्ड सदस्य बखौला गए।बखौला जन प्रतिनिधि अपने गुर्गों के साथ मिल कर पत्रकार पर हमला कर दिए।कैमरा मैन के गले से सोने की चैन छीन लिया।हॉकी, डंडा के माध्यम से हमला किया गया।जब पत्रकार द्वरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए गया।इसके बाद मुखिया के तरफ से पत्रकार एवं उनके परिवार पर दबाव बनाया गया कि केश किए तो तुम्हारे परिवार सहित मौत के घाट उतार देंगे।घायल पत्रकार द्वरा थाने में आवेदन दिया गया।उसके बाद मुखिया द्वरा झूठा आरोप लगाया गया कि हमसे रंगदारी मांगी गई।जब हम नही दिए तो मेरे साथ गाली गलौज किया गया।एसी एसटी एक्ट के तहत फसाने की बात कही गई।पत्रकार ने थाने में दिए आवेदन में बृजलाल शर्मा के पुत्र वीरेंद्र शर्मा, सत्येंद्र शर्मा, राजकुमार शर्मा,प्रेम शर्मा, कपिल शर्मा के पुत्र श्री भगवान शर्मा एवं उनके दो लड़के जिनका नाम मालूम नही। शंभू पटेल का पुत्र वीरू पटेल, शिवदयाल शर्मा के पुत्र गुड्डू शर्मा, गणेश मिश्रा के पुत्र सुदर्शन मिश्रा के अलावा 12 अज्ञात अन्य व्यक्तियों को नामजद किया है।
वही मुखिया पति ने थाने में पत्रकार पर भी प्राथमिकी दर्ज कराई है। पत्रकार पर प्राथमिकी दर्ज होते ही क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है लोग पुलिस प्रशासन के प्रति अपना नजरिया सवालिया सा करने लगे हैं। लोगों का कहना है कि पुलिस की गतिविधियां हमेशा से संदिग्ध रही हैं और इस मामले में भी पुलिस अपनी छवि को साफ सुथरी नहीं कर पाई है। बरहाल पुलिस द्वारा पत्रकार पर दर्ज किए गए प्राथमिकी को लेकर लोगों में आक्रोश है जो कभी भी गुस्सा बनकर फुट सकता है |