जिले मे मनरेगा की मजदुरी नहीं मिलनें से एक परिवार की स्थिति हुई दैनिय, जिम्मेदार कौन ?

कोरिया 19 अप्रैल। जिले मे जब से लाक डाउन हुआ है तब से गरीब मजदुरों को खाने पिनें की परेशानियों का सामना करना पड रहा है। जिले मे कुछ ऐसे मजदुर भी है जो मनरेगा मे लगभग महिनो मजदुरी का कार्य किए है, जिन्हे अब तक मजदुरी नहीं मिली है, ऐसे समय मे मजदुरों को खाने की समस्या अधिक हो गई है। जबकि लाकडाउन मे भी रसुकदारों के द्वारा मनरेगा मे कार्य कराया जा रहा है, कोई जेसीबी मशिन से अपना कार्य करा रहे है तो क ई रोजगार सहायक कोरोना वायलस से बजाव हेतु दिए गए निर्देशो का पालन भी नहीं कर रहे है। बैकुण्ठपुर जनपद क्षेत्र के अंतरगत आनें वाले अमहर व जमगहना पंचायत मे जेशीबी मशिन व पास पास मे मजदुरों से कार्य कराया जआ रहा है, इतना ही नहीं फर्जी मस्टररोल बना कर चार से पांच लोगों का हाजरी मे डाला जा रहा है। ऐसे वक्त मे जस समस्त भारत देश सहित कोरिया जिला मे कोरोना मबामारी बीमारी से बचाव कर रहा है, तो मनरेगा के रोजगार सहायकों के द्वारा मजदुरों व जेसीबी मशिन से कार्य कराना सवाल खडा कर रहा है। वहीं जिले के जनकपुर वनांचल क्षेत्र मे स्थिति स्थिति और भी भयावह है। यहां के मजदुर मनरेगा में 29 दिन काम किये है, जनवरी से अब तक मजदूरी की राशि लेने सचिव से लेकर बैंक तक दौड लगाई, परन्तु मजदूरी आज तक खाते में नहीं आई, पूरे लॉक डाउन में आदिवासी गरीब परिवार के खातेे सिर्फ 26 रू है, शिकायत भी की, परन्तु कोई सुध लेने उस तक नहीं पहुंचा। इस संबंध में ग्राम पंचायत जुईली के पंचायत सचिव लालमुनि का कहना है कि दादूराम के एसबीआई के खाते में राशि भेजी गई है, एफटीओ में उसके खाते में कई रकम दिख रही है, पता नही उसके खाते है क्यों नहीं दिख रही है। जानकारी केअनुसार जिले के भरतपुर के जुईली ग्राम पंचायत के दादूलाल सिंह ने 17 मार्च 2020 को सीईओ भरतपुर को शिकायत कर बताया कि उसके मनरेगा के सडक निर्माण कार्य में 14 नवंबर 2019 से 13 जनवरी 2020 तक कार्य किया। उसका एसबीआई के खाता क्रमांक 32860421262 में आज तक राशि अप्राप्त है। बेहद गरीब आदिवासी परिवार से आने वाले दादूलाल सिंह का कहना है कि जनवरी में काम करने के बाद कई बार सचिव से राशि की मांग की, जब लॉक डाउन नहीं लगा था तब उसने कई बार जनकपुर जाकर बैंक में अपने खाते में आई राशि की पूछताछ की, अपना खाता की जानकारी निकलवाई। लॉक डाउन के पहले तक खाते मेें राशि नहीं आई थी, उसके बाद 22 मार्च से लॉक डाउन लग गया, खाते में सिर्फ 26 रूपए बचे है, ऐसे कई आवश्यक चीजे में वो नहीं खरीद पाया। बेहद कठिन परिस्थिति में उसके परिवार का गुजर बसर हो रहा है।ग्राम पंचायत जुईली निवासी दादूलाल सिह के 4 छोटे बच्चे है, पत्नी के साथ लॉक डाउन में जैसे तैसे बेहद गरीबी में गुजर बसर हो रहा है, उन्होने अपना जॉब कार्ड भी दिखाया, जिसमें उसके कार्य किए जाने की जानकारी है, परन्तु काम की मजदूरी उसे कैसे मिलेगी, यह वो नहीं जानता, और ना ही प्रशासन ने मजदूरी भेजे जाने के बाद ऐसेा मजदूरो की शिकायत के बाद सुध लेता है। महेन्द्र पाण्डेय।