आखिरकार शहर मे पुन: प्रारम्भ हुई रोटी बैंक, प्रशासन ने एक रोटी बैंक की अनुमती दी

कोरिया 12 अप्रैल। सम्पुर्ण देश विदेश सहित बैकुण्ठपुर मे भी लाक डाउन का असर रहा है। इस लाक डाऊन के कारण क ई मजदुरों को खानें के लाले पडनें लगे थी कि तभी शासन प्रशासन ने मजदुरों को राशन व्यवस्था करा रही है, जिसमे समाजसेवी भी बढ़ चढ़ कर राशन दान व नगद सहायता करनें आगे आए है। तो वहीं इस लाक डाउन मे बेजुवान जानवरों की तरफ किसी का ध्यान नहीं जा रहा था। राष्ट्रीय गौ रक्षा वाहिनी के जिला अध्यक्ष ने बताया की रोटी बैंक के बंद हो जानें से गौ वंशों का भोजन व्यवस्था बीगड रहा था, इसी दौरान अनुराग दुबे ने अकेले मोर्चा सम्भाला और सुबह शाम 40 पैकेट ब्रेड व 400 रोटियां प्रतिदिन खिलाया जब तक रोटी बैंक नहीं चल रही थी, गौ रक्षा वाहिनी के बाकी पदाधिकारी व सदस्यों का अता-पता तक नहीं था। लेकिन इस मुश्किल समय मे निःश्वार्थ भाव से गौ सेवा मे अनुराग दुबे सदौव तत्पर रहे। अनुराग दुबे नें बताया की अब रिक्सा बैंक को चलानें हेतु प्रशासन की उच्च अधिकारियों ने परमिशन दे दी है। तो वहींशहर मे बेसहारा भूखे प्यासे गौवंश एवं अन्य जानवरों को भोजन उपलब्ध करवाने के लिए शहर में रोटी रिक्शा बैंक का संचालन विगत कई वर्षो से किया जा रहा था, अचानक इस भयंकर महामारी नोवल कोरोना वायरस के आ जाने के कारण संपूर्ण देश में लाक डाउन और धारा 144 लागू कर दी गयी ऐसे में प्रशासन द्वारा रोटी रिक्शा बैंक का संचालन भी बंद करवा दिया गया था। ऐसे समय मे शहर के कुछ गणमान्य लोग सामने आए और गौ वंशों के लिए, भुसा, पैरा व कोढ़ा की व्यवस्था कराई गई थी, लेकिन इसके बाद भी गौ रक्षा वाहिनी के पदाधिकारी व सदस्य समनें नहीं आए। गौ रक्षा वाहिनी जिला अध्यक्ष अनुराग दुबे ने बताया किभूखे बेसहारा एवं मालिकों द्वारा छोड़ देने पर आवारा घूमने वाले पशुओं को भोजन पूर्ति की भारी दिक्कत हो रही थी। हमने प्रशासन से कई बार यह मांग की थी। हमारे द्वारा प्रशासन से मांग की थी, जिसे प्रशासन ने स्विकार करते हुए रोटी बैंक का संचालन पुनः कर दिया गा। इसके लिए हम प्रशासन को तहे दिल से कोटि-कोटि धन्यवाद देते हैं, सांथ ही शहर की जनता से अनुरोध करते हैं कि वे अपने भोजन से कुछ रोटी या अन्य खाद्य सामग्री इन मुख पशुओं को भी प्रदान करें और पुण्य कमाए।