अवैध खदान धसकने सें तीन की दर्दनाक मौत, गांव में शोक की लहर

सूरजपुर ।अवैध खनन की भेंट रविवार को जिलें में छुई मिट्टी खुदाई के दौरान धसकने सें दर्दनाक हादसें में तब्दील हो गई, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई है। समाचार लिखे जाने तक प्राप्त जानकारी के अनुसार यह घटना ग्राम जमदेई की है,यहां दो महिला व एक नाबालिग बच्चे की मौत खुदाई करते वक्त चट्टान धसकने से दर्दनाक हादसे की चपेट में आकर हो गई। घटना की जानकारी प्राप्त होते ही ग्रामीणों ने इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दी, सूचना के बाद जयनगर पुलिस मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों की मदद से मलबे को हटाकर तीनों का शव बाहर निकाला। इसके पश्चात शव का पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपनें की कार्यवाही करने के जांच कर रही है।

इस तरह हुआ हादसा

मामले पर आपको बताते चलें कि रविवार कोजमदेई गांव के सुनेतन बाई, प्रेमलता और 14 वर्षीय लड़का छुई मिट्टी की खुदाई कर रहे थे,इसी दौरान खुदाई के दौरान गुफा नुमा जगह पर चट्टान धस गया।जिसके नीचे दबने से तीनों की मौत हो गई,इससे गांव में शोक का माहौल है।

पुलिस व प्रशासनीक अमलें ने तत्परता व मानवीय संवेदना की पहल किया पेश

घटना की जानकारी मिलते ही जिस तत्परता सें रविवार को जयनगर पुलिस थाना प्रभारी दीपक पासवान की टीम ने मलबे से मृतकों को बाहर निकालने में सक्रियता के साथ प्रक्रिया को पूर्ण करने के उपरांत मृतकों के शव को परिजनो को सौपना मानवीय संवेदना के प्रति एक अच्छी पहल है तो वहीं दूसरी तरफ प्रशासनिक अमले ने मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए राहत राशि एसडिएम पुष्पेन्द्र शर्मा के निर्देश पर जनपद पंचायत सीईओ बेद प्रकाश गुप्ता ने परिवार के सदस्यों को सौपकर, इस शोक की बेला में ढाढंस बंढाया इन कवायदों नें एक दफा फिर से इस तरह के हादसों पर अंकुश लगाने में उम्मीदों को फिर से जगाया है।

बहानों की बैसाखी और जिम्मेदारी टालना बन रहा हादसों का मुल कारण-

आपको बताते चलें कि इस तरह की अवैध खुदाई में कोयला ,क्रेशल में उपयोग होनें वालें पत्थल,छुई सहित अन्य खनिजों की अवैध रूप से खनन व परिवहन सें जिलें में पहले भी कई मौत हो चुकी हैं।इसके वावजूद खनिज महकमा स्टाफ की कमी तो कभी जानकरीयों का अभाव सहित अन्य बहानों की बैसाखी सहारे अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ने की आदत, पुलिस विभाग अपराध सहित व्यवस्था के मामले का बहाने, राजस्व व वन विभाग एक दूसरे का क्षेत्र बताने व समझने जैसी बहानों के सहारे अपनी जिम्मेदारीयों को समझने की जगह पल्ला झाड़ने से मौत के आकड़े हर वर्ष अपनी दर्ज कराते हैं।