मां कुछ खाए तो मैं भी दूध पी लूं

चित्तौड़गढ़ जहां पूरा प्रदेश लोक डाउन में है वहीं चित्तौड़गढ़ भी लोग डाउन में है कोई भूखा ना रहे इसके लिए प्रशासन व सामाजिक संस्थाओं द्वारा भोजन की व्यवस्था की जा रही है बहुत ही सराहनीय है लेकिन चित्तौड़ में ऐसा लगता है कि पशुओं को भूखा रहना पड़ रहा है ऐसा ही दृश्य सांवरिया चिकित्सालय के बाहर देखने को मिला वहां एक गाय हॉस्पिटल के बाहर लगे डस्टबिन में अपना मुंह डालकर कुछ खाने की कोशिश कर रही थी और उसका बच्चा उसके पास मैं इंतजार कर रहा था मां कुछ खाए तो मैं उसका दूध पी सकूं हॉस्पिटल के बाहर लगा डस्टबिन हो सकता है कि जिसमें हॉस्पिटल का कचरा इसमें में डाला जाता हो अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह गाय क्या खाएगी और उसका बच्चा क्या दूध पिएगा चित्तौड़ में इतनी गौशाला हैं क्यों नहीं गौशालाओं को पाबंद किया जाए कि वह इन गायों का पूर्ण रुप से ध्यानरखें या इनके मालिकों को पाबंद किया जाए दूध तो इनका पी लेते हैं लेकिन इनको चारा नहीं खिला सकते हैं क्या