मदद: अमेठी से वायनाड तक राहुल को मात देती स्मृति

अमेठी। कोरोना महामारी से पैदा हुई स्थित से जो जहां फंसा है वही हलाकान है। ऐसा ही एक मामला अमेठी के 2 प्रवासी श्रमिकों का भी प्रकाश मे आया, ये दोनो राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र वायनाड के मलप्पुरम जनपद स्थित करुवाराकुंडु में लॉकडाउन में फंस गए। इसके अलावा अन्य परदेसों के 35 लोग भी फंसे थे। इसकी खबर मिलते ही केंद्रीय मंत्री एवं अमेठी सांसद स्मृति ईरानी ने तत्काल सभी को खाने पीने की चीजे मुहैया कराई।

आपको बता दें कि देश में चल रहे लॉकडाउन के चलते अमेठी के 2 श्रमिक प्रवासी के साथ-साथ असम, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, सहित पश्चिम बंगाल के 35 अन्य प्रवासी श्रमिक करुवाराकुंडु वायनाड में फंसे होने से इनके सामने खाने, पीने और रहने आदि कि भारी समस्या खड़ी थी। वायनाड में फंसे दोनों अमेठी के प्रवासी श्रमिकों के मदद कि गुहार उनके रिश्तेदारों ने केंद्रीय मंत्री सांसद अमेठी स्मृति ईरानी के कार्यालय में लगाई थी। प्रकरण के संज्ञान में आने के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने केंद्रीय विदेश और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री वी मुरलीधरन और केरल इकाई की स्वयं सेवी संस्था सेवा भारती से सम्पर्क कर प्रवासी श्रमिकों के मदद का आग्रह किया था। स्मृति के निर्देश पर सेवा भारती ने चावल, दाल, सब्जी सहित किराने के जरूरत के सामान उपलब्ध कराते हुऐ स्थनीय पुलिस को सूचित कर सामुदायिक रसोई घर से भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित करवाई है। आरएसएस से प्रेरित सेवा संगठन ने स्थानीय स्वयं सेवकों को जिम्मेदारी सौपते हुऐ लॉकडाउन समाप्त होने तक प्रवासी श्रमिकों के भोजन आदि की जिम्मेदारी संभाली है।
इस संबंध मे अमेठी से बीजेपी जिलाध्यक्ष दुर्गेश त्रिपाठी ने बताया कि ये स्मृति ईरानी की सीधे-सीधे सहयोग की भावना का विषय है। उन्होंने अमेठी को अपना परिवार माना है। 2014 के बाद से ही अमेठी से जो उनका पारिवारिक रिश्ता है, वो ये जाहिर करता है के अमेठी के लोग पूरे देश मे कही भी हो उनको जानकारी भर हो जाए तो उनके सहयोग के लिए स्मृति ईरानी तत्पर रहती हैं।

उन्होंने बताया कि अमेठी मे प्रमुख 50 कार्यकर्ताओ से टेलीफोन करके सीधे संपर्क मे हैं, यहां की समस्याओ की जानकारी लेकर उसके निराकरण का प्रयास कर रही हैं।