मनमानी - एक साल से कोटेदार उपभोक्ताओं को नहीं दे रहा है राशन

एक तरफ जहां सरकार लॉक डाउन के दौरान हर ग्राम पंचायत में स्थापित सरकारी सस्ता गल्ला की दुकान यानी कोटा के माध्यम से पात्र ग्रामीणों को राशन मुहैया कराने का निर्देश दिया है तो वहीं यूपी के अमेठी के तिलोई तहसील के बहादुरपुर ब्लॉक के पीढ़ी गांव में कोटेदार राम नेवाज़ द्वारा पूरा राशन ही हजम कर लिए जाने बात सामने आई है।

ग्रामीणों ने आज गांव में प्रदर्शन कर राशन न वितरित किए जाने की बात बताई। ग्रामीणों का कहना है कि कोटेदार द्वारा एक साल से राशन नहीं दिया जा रहा है लेकिन राशन देने के नाम पर अंगूठा जरूर लगवा लिया जाता है। इतना जरूर है कि राशन के बदले कोटेदार ग्रामीणों में किसी को 50 तो किसी को 100 रूपए दे दिया जाता है। राशन न वितरित किए जाने की बात जब ग्रामीण कोटेदार राम नेवाज से पूछते है तो जवाब मिलता है कि राशन नहीं आ रहा है।ऐसे में कैसे पूरी होगी सरकार की मंशा। लॉक डाउन के दौरान कैसे भरेगी जनता अपना पेट।

कार्ड धारक रमेश सिंह ने मीडिया को बताया कि कोटेदार तो राम नेवाज है लेकिन राशन बांटने का काम यार मुहम्मद करता है।यार मोहम्मद गाड़ी से लोगों के घर पहुंचकर बायोमीट्रिक कर सारी औपचारिकता पूरी कर लेते है और राशन के बजाय सिर्फ ₹50 प्रति अंगूठा का करते हैं भुगतान।

रमेश सिंह ने ये भी बताया कि इसके पहले मैंने इसके खिलाफ जांच के लिए प्रार्थनापत्र दिया था, जांच भी हुई लेकिन परिणाम स्वरूप राशन फिर भी नहीं बांटा गया। आज भी डायल 112 को फोनकर समस्या बताई गई, पुलिस आई भी लेकिन थोड़ी देर में ही चली गई।

यहां देखने वाली ख़ास बात ये है कि जांच होना और डायल 112 पुलिस का आना कोई फर्क नहीं डाल पाया और कोटेदार अपनी मनमानी कर ही रहा है। आखिर क्यों, क्या कोटेदार की पकड़ इतनी मजबूत है कि प्रशासन भी नतमस्तक है।