दिल्ली कानपुर से लौटे लोग 5 दिन से स्कूल की फर्श पर पड़े दिन काट रहे हैं, नहीं लिया किसी ने अब तक इनकी सुधि

एक तरफ जहां कोरोना जैसी महामारी से पूरा देश त्रस्त है, संक्रमण के दौरान भारी चिकित्सकीय व सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम सरकार चिल्ला चिल्लाकर बता रही है, बाहर से आए हुए लोगों को गांव के बाहर ही रोककर उनकी जांच पड़ताल करने के बाद उन्हें निगेटिव पाए जाने पर ही उन्हें घर जाने देने का आदेश है तो वहीं ये सरकारी आदेश अब केवल कागजों में ही रह गया है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि 27 मार्च को कानपुर व दिल्ली से वापस लौटे लोगों की सुधि लेने वाला अब तक कोई नहीं पहुंचा।

मामला अमेठी के ज़ामो ब्लॉक के जनापुर गांव का है। कोरोना जैसी फैली महामारी के चलते दिल्ली कानपुर में रोजगार के सिलसिले में गए लोग बेरोजगार हो कर अपने अपने घरों को लौटने को मजबूर हुए। 8 लोग इस गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय जनापुर के बरामदे की फर्श पर लेटकर जिंदगी को काटने पर मजबूत है। न तो ग्राम प्रधान गरीब पासी ने सुधि ली, न हो प्रशासन ने इन्हे कोरेंटाइन कराने की कोई व्यवस्था की है। 8 लोगों के घरों से भोजन आने से उनका पेट तो भर जा रहा है लेकिन बिना जांच पड़ताल के ये लोग स्वयं अपने अपने घरों की चौखट नहीं लांघ पा रहे है।

प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव के पत्रांक संख्या 229/PSMS/2020 दिनांक 29 मार्च 2020 के क्रम में साफ निर्देश दिया गया है कि समस्त बाहर से लौट रहे व्यक्तियों के ऊपर बाध्यकारी होगा एवं इसके प्रवर्तन का प्राथमिक दायित्व संबंधित ग्राम प्रधान पर होगा एवं यदि कोई व्यक्ति ग्राम प्रधान की हिदायत पर बात नहीं मानता है तो संबंधित चौकी प्रभारी बलपूर्वक इस आदेश का प्रवर्तन कराना सुनिश्चित करेंगे एवं सुनिश्चित करेंगे कि यह व्यक्ति किसी भी दशा में 14 दिन पूरे किए बिना ग्राम के सामान्य आबादी के साथ घुले मिले नहीं।

इस अवधि में संबंधित ग्राम प्रधान एवं ग्राम सचिव ग्राम के कोटेदार एवं तयशुदा वेंडर, जिन्हें डोर टू डोर डिलीवरी का दायित्व दिया गया है, के द्वारा इन व्यक्तियों को आवश्यक सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित कराएंगे। इस कार्य में कोई भी शिथिलता क्षम्य नहीं होगी।

स्वास्थ्य विभाग की आरबीएसके मोबाइल यूनिट को पुनः एक राउंड इन क्वॉरेंटाइन स्थलों के भ्रमण के लिए शेडूल बनाकर के 3 दिवस के अंदर सभी व्यक्तियों का दोबारा लक्षण परीक्षण कराना सुनिश्चित कराया जाएगा भले ही इन व्यक्तियों की एंट्री प्वाइंट पर एक बार स्क्रीनिंग हो गई हो।

संबंधित उप जिला मजिस्ट्रेट / इंसीडेंट कमांडर एवं संबंधित ब्लाक के मजिस्ट्रेट खंड विकास अधिकारी चलायमान रहकर इन सभी व्यवस्थाओं का अनुपालन एवं प्रवर्तन सुनिश्चित कराएंगे।

इतने स्पष्ट आदेश के बाद भी जिला प्रशासन इस आदेश की अनदेखी कर रहा है। क्या प्रशासन इन लोगों को संक्रमण से बचाव कर इन्हें 14 दिन तक कोरेंटाइन सुविधा प्रदान करेगा।