हाथरस माइनर का पानी खेतों में घुसा, सैकड़ों बीघा फसल डूबी

मंडनपुर के किसानों में आक्रोश, नुकसान का मुआवजा देने की मांग

फिरोजाबाद,नगला बीच। नगला बीच क्षेत्र से होकर गुजर रही नहर में अचानक पानी बढ़ जाने से हालात बिगड़ गए। हाथरस माइनर से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण थाना रजावली क्षेत्र के गांव मंडनपुर समेत आसपास के इलाकों में सैकड़ों बीघा कृषि भूमि जलभराव की चपेट में आ गई। खेतों में पानी भरते ही किसानों में अफरा-तफरी मच गई। गेहूं, सरसों और आलू जैसी तैयार व खड़ी फसलों के भारी नुकसान की आशंका जताई जा रही है।

किसानों का आरोप है कि नहर में अचानक पानी छोड़ दिया गया, जिससे खेत तालाब में तब्दील हो गए। कुछ ही समय में फसलें पानी में डूब गईं और सड़ने लगीं। इस घटना से किसानों को बड़ा आर्थिक झटका लगने की आशंका है।

पीड़ित किसानों की बात

गांव मंडनपुर निवासी बनवारी लाल पुत्र नेमसिंह ने बताया कि उनकी कई बीघा जमीन में खड़ी फसल पूरी तरह पानी में डूब चुकी है।
दिनेश पुत्र राजकुमार ने कहा कि आलू की फसल तैयार थी, लेकिन जलभराव से पूरी मेहनत पर पानी फिर गया।
अजय पुत्र हरिमान सिंह के अनुसार बिना किसी सूचना के नहर में पानी छोड़े जाने से किसान संभल भी नहीं पाए।
मोनू पुत्र ओमप्रताप ने कहा कि फसल बर्बादी से किसानों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
गोविंद पुत्र भूरीसिंह ने बताया कि खेतों में अब भी पानी भरा हुआ है, जिससे नुकसान लगातार बढ़ रहा है।
श्यामसुंदर पुत्र सकले सिंह ने नहर की देखरेख में लापरवाही का आरोप लगाया।
रघुराज सिंह पुत्र रामवीर सिंह ने प्रशासन से तत्काल सर्वे कराकर मुआवजा दिलाने की मांग की।

राहत की मांग

पीड़ित किसानों ने सिंचाई विभाग और प्रशासन से नहर के जलस्तर को नियंत्रित करने, खेतों से पानी निकलवाने और फसल नुकसान का आंकलन कर शीघ्र मुआवजा देने की मांग की है। किसानों का कहना है कि यदि जल्द राहत नहीं मिली तो वे सामूहिक रूप से विरोध करने को मजबूर होंगे।