हरदोई में सांसद अशोक रावत के बयान पर अर्कवंशी क्षत्रिय महासंघ का तीखा विरोध, लोकसभा अध्यक्ष को भेजा ज्ञापन, संगठन अध्यक्ष बोले- सार्वजनिक माफी नहीं मांगी तो होगा बड़ा आंदोलन

हरदोई। मिश्रिख लोकसभा क्षेत्र के सांसद अशोक कुमार रावत द्वारा 5 दिसंबर 2025 को लोकसभा में दिए गए उस बयान को लेकर आक्रोश बढ़ता जा रहा है, जिसमें उन्होंने महाराजा सल्हिय सिंह अर्कवंशी, महाराजा मल्हिय सिंह अर्कवंशी और चक्रवर्ती सम्राट महाराजा सुहेलदेव राजभर जैसे ऐतिहासिक महापुरुषों को पासी समाज से जुड़ा बताया था। इस बयान को अखिल भारतीय अर्कवंशी क्षत्रिय महासंघ/ट्रस्ट ने तथ्यहीन, अपमानजनक और समाज की भावनाओं को आहत करने वाला करार दिया है।
महासंघ के केंद्रीय व प्रांतीय पदाधिकारियों ने इस प्रकरण पर तीखी प्रतिक्रिया दर्ज करते हुए लोकसभा अध्यक्ष को विस्तृत ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन में कहा गया कि सांसद अशोक रावत ने संवैधानिक पद की गरिमा के विपरीत जाकर इतिहास से खिलवाड़ किया है। महासंघ ने आरोप लगाया कि सांसद ने जानबूझकर भ्रामक तथ्य प्रस्तुत कर सामाजिक वैमनस्य फैलाने जैसा गंभीर कृत्य किया है।
महासंघ की प्रमुख मांगें-
1. विवादित वक्तव्य को लोकसभा की कार्यवाही से तत्काल हटाया जाए।
2. सांसद पर सदन की गरिमा भंग करने के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई हो।
3. भविष्य में ऐतिहासिक महापुरुषों पर गलत तथ्य प्रस्तुत करने पर रोक के लिए दिशा-निर्देश बनाए जाएँ।
4. सांसद अशोक रावत से सार्वजनिक रूप से माफी दिलाई जाए।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश अर्कवंशी ने कहा कि सांसद का बयान न केवल असत्य है बल्कि चुनावी माहौल में समाज को भड़काने की साजिश प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक राजाओं को सम्मान देने के वादे तो अनेक नेताओं ने किए, पर आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुनील अर्कवंशी ने चेतावनी दी कि यदि सांसद ने सार्वजनिक माफी नहीं मांगी तो अर्कवंशी समाज उनका विरोध और तेज करेगा। उन्होंने कहा महाराजा सल्हिय सिंह अर्कवंशी का सम्मान सर्वोपरि है, किसी भी कीमत पर समझौता नहीं होगा।
महासंघ ने साफ कहा है कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा।