रेलवे कर्मचारियों का अभूतपूर्व शक्ति प्रदर्शन:IREF के नेतृत्व में हजारों रेलकर्मियों ने OPS बहाली के लिए भरी हुंकार; केंद्र को 'रेल का चक्का जाम' करने की निर्णायक चेतावनी।

नई दिल्ली (जंतर-मंतर):पुरानी पेंशन योजना (OPS) बहाली की निर्णायक लड़ाई के लिए आज, 25 नवंबर 2025 को, नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) के नेतृत्व में दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित महारैली में इंडियन रेलवे एम्पलाइज फेडरेशन (IREF) के आह्वान पर देशभर से हजारों की संख्या में रेलवे कर्मचारियों ने ऐतिहासिक भागीदारी की। रेलवे कर्मचारियों के इस जबरदस्त शक्ति प्रदर्शन ने न केवल रैली को सफल बनाया, बल्कि केंद्र सरकार को हूबहू OPS बहाली के लिए एक स्पष्ट और निर्णायक संदेश भी दिया। IREF के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश पांडे और महासचिव सर्वजीत सिंह के नेतृत्व में, पूरी रेलवे टीम ने अपनी एकजुटता और संकल्प को प्रदर्शित किया।

महारैली को संबोधित करते हुए कॉमरेड अमरीक सिंह (राष्ट्रीय अध्यक्ष, फ्रंट अगेंस्ट NPS इन रेलवे एवं राष्ट्रीय संयुक्त सचिव, NMOPS) ने केंद्र सरकार को दो टूक चेतावनी देते हुए कहा, "अगर जल्द पुरानी पेंशन बहाल नहीं होती, तो यह आंदोलन और भी तेज किया जाएगा। इसके लिए अगर रेल का चक्का जाम करना पड़ा तो हम उससे भी पीछे नहीं हटेंगे।" उन्होंने देश में बढ़ रहे आर्थिक भेदभाव पर गहरा रोष व्यक्त किया, जहाँ अमीर और अमीर होता जा रहा है और मेहनतकश तबका अपने भविष्य को लेकर असुरक्षित है।

महासचिव सर्वजीत सिंह ने केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुए मजदूरों का जबरदस्त शोषण करने के लिए लागू किए गए चार नए श्रम संहिताओं (Labour Codes) का पुरजोर विरोध किया। उन्होंने घोषणा की कि IREF इन श्रम संहिताओं के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन चलाएगा ताकि मजदूरों के अधिकारों की रक्षा की जा सके। इसके अलावा, ऐक्टू (ACTU) के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड राजीव डिमरी, ईस्टर्न रेलवे एम्पलाइज यूनियन के अध्यक्ष संतोष कुमार पासवान एवं महासचिव मृत्युंजय कुमार, इंडियन रेलवे एम्पलाइज यूनियन से उमेद सिंह चौहान और नॉर्दर्न रेलवे एम्प्लॉइज यूनियन के केंद्रीय महासचिव मनीष हरिनंदन ने भी हजारों कर्मचारियों को संबोधित करते हुए पुरानी पेंशन बहाली के संकल्प को दोहराया।

IREF ने स्पष्ट किया कि जब देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले पैरामिलिट्री जवानों और देश की जीवन रेखा को चलाने वाले रेलकर्मियों को ही एक अदद पेंशन से वंचित रखा जा रहा है, तो यह देश के लिए सबसे बड़ा अन्याय है। संगठन मांग करता है कि कर्मचारियों का NPS का पैसा तुरंत लौटाया जाए, RTE से पूर्व नियुक्त शिक्षकों पर थोपी गई TET अनिवार्यता समाप्त की जाए और निजीकरण एवं निगमीकरण पर तुरंत रोक लगाई जाए। आज की रैली ने सिद्ध कर दिया है कि IREF और समस्त रेलकर्मी अपने हक की लड़ाई को अंतिम परिणाम तक ले जाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक हूबहू OPS बहाल नहीं हो जाती। इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए इंडियन रेलवे एम्पलाइज फेडरेशन से संबंधित रेलवे के 13 जोनों से हजारों कर्मचारियों शमुलियत कर इसे ऐतिहासिक बना दिया।