सारे नियम तोड़ दो नियम पर चलना छोड़ दो

उदयपुर में बिग शॉर्ट क्लब पर कार्रवाई नियमों की धज्जियां उड़ाकर आधी रात तक चला डांस बार

अमित कुमार/ ऋतिक प्रजापत

उदयपुर, राजस्थान का विश्वप्रसिद्ध पर्यटन स्थल, अपनी झीलों, महलों और संस्कृति के लिए जाना जाता है। लेकिन हाल ही में यहाँ पर्यटन के नाम पर कुछ ऐसे घटनाक्रम सामने आए हैं, जिन्होंने शहर की छवि पर सवाल खड़ा कर दिया है। बात हो रही है उदयपुर के आरटीओ रोड स्थित "बिग शॉर्ट क्लब" की, जहाँ नियमों की खुली अवहेलना करते हुए रात के 1 बजे तक डांस बार और क्लब संचालन किया जा रहा था।
राजस्थान पर्यटन विभाग और प्रशासन के नियमों के अनुसार शहर में किसी भी क्लब या बार को रात 12�बजे के बाद संचालन की अनुमति नहीं है। लेकिन हमारी टीम द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन में खुलासा हुआ कि बिग शॉर्ट क्लब में ग्राहकों को न केवल देर रात तक रुकने का ऑफर दिया जा रहा था, बल्कि वहाँ डांस और ड्रिंक की भी खुली अनुमति थी। स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है कि क्लब के कर्मचारी ग्राहकों को रात 1 बजे तक मनोरंजन और कॉम्प्लीमेंटरी ड्रिंक देने का आश्वासन दे रहे हैं।
25 अक्टूबर, शनिवार की रात को यह मामला तब सुर्खियों में आया जब गुजरात से आए कुछ पर्यटक क्लब में मौजूद थे। उसी दौरान प्रताप नगर थाना पुलिस को सूचना मिली कि क्लब में निर्धारित समय सीमा से अधिक देर तक गतिविधियाँ चल रही हैं। पुलिस मौके पर पहुँची और क्लब संचालन पर कार्रवाई की।
वीडियो फुटेज में यह भी सामने आया कि जब पुलिस ने क्लब प्रबंधन से पूछा कि क्लब का आधिकारिक समय क्या है, तो वहाँ मौजूद कर्मचारी इस सवाल का स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए। पुलिस ने मौके पर कुछ पर्यटकों से बातचीत की, जिनमें गुजरात से आए कुछ पर्यटक शामिल थे। बताया जा रहा है कि कुछ ग्राहकों को पैसे वापस किए गए, जबकि कुछ को अब तक रिफंड नहीं मिला है।
जानकारी के अनुसार, इससे एक दिन पहले भी एक गुजराती पर्यटक के साथ क्लब में बहसबाजी हुई थी, जब उसने अपने ऑर्डर को लेकर शिकायत की थी। उस समय भी विवाद बढ़ गया था, जिसकी फुटेज के पास मौजूद है। इसके बावजूद, क्लब प्रबंधन ने अपनी गतिविधियों में कोई सुधार नहीं किया और फिर से नियमों की अनदेखी करते हुए देर रात तक संचालन जारी रखा।
स्थानीय नागरिकों और होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों ने इस पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि ऐसे क्लब जो पर्यटकों को अवैध गतिविधियों में लिप्त करते हैं, वे उदयपुर की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचा रहे हैं। प्रशासन से माँग की जा रही है कि ऐसे क्लबों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएँ दोबारा न हों।
फिलहाल, पुलिस की कार्रवाई के बाद भी यह सवाल बना हुआ है कि आखिर कैसे शहर के बीचों-बीच स्थित एक प्रसिद्ध क्लब इतने लंबे समय तक नियमों को ताक पर रखकर चलता रहा। क्या प्रशासन की निगरानी में ढिलाई थी या किसी की शह पर यह सब हो रहा था ? यह अब जांच का विषय है।
उदयपुर जैसे सांस्कृतिक शहर में पर्यटन की आड़ में चल रही इस तरह की गतिविधियाँ न केवल कानून का उल्लंघन हैं बल्कि शहर की साख पर भी गहरा दाग लगा रही हैं।<!--/data/user/0/com.samsung.android.app.notes/files/clipdata/clipdata_bodytext_251030_180518_031.sdocx-->