IREE 2025: दिल्ली में 15 अक्टूबर से एशिया की सबसे बड़ी रेलवे प्रदर्शनी

भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) द्वारा एशिया की सबसे बड़ी इंटरनेशनल रेलवे इक्विपमेंट एग्ज़िबिशन (IREE) 2025 के16वें संस्करण का आयोजन 15 से 17 अक्टूबर तक नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में किया जा रहा है। यह आयोजन भारतीय रेल के सहयोग से किया जा रहा है। सोमवार को इस संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ। जिसमें प्रदर्शनी की प्रमुख विषय-वस्तुओं, थीम्स और वैश्विक सहभागिता से जुड़ी जानकारी साझा की गई। जिसमें भारतीय रेल के साथ देश-विदेश की अनेक प्रमुख कंपनियों हिस्सा लेंगी।

भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) व्यापार मेले परिषद के अध्यक्ष बी. थियागराजन ने कहा कि IREE 2025 एक ऐसा मंच है जो भारतीय रेल और दुनिया भर के उपकरण निर्माताओं के बीच सहयोग और संवाद का अवसर प्रदान करता है। इस वर्ष का संस्करण एक महत्वपूर्ण पड़ाव है क्योंकि भारतीय रेल भारत को आधुनिकीकरण, सतत विकास और स्मार्ट मोबिलिटी के वैश्विक मानक के रूप में स्थापित करने की दिशा में अग्रसर है।

सैनमार मैट्रिक्स मेटल्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक नारायण सेथुरामन ने कहा कि भारतीय रेल मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की सच्ची भावना का प्रतीक है। इसने एक सम्पूर्ण उद्योग-परिसर को विकसित होने का अवसर दिया है, जो हाल के वर्षों में तेजी से आगे बढ़ा है। आज हम भविष्य के लिए तैयार हैं।

सैमटेल एक्सोनिक्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक पुनीत कौरा ने इस आयोजन के सहयोगात्मक स्वरूप पर जोर देते हुए कहा कि IREE 2025 उद्योग और सरकार के बीच सहयोग का प्रतीक है। यह आयोजन इस तथ्य का प्रमाण है कि भारत निरंतर गतिशील है। रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर के आधुनिकीकरण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता ही इस उत्साह का स्रोत है।

रेल मंत्रालय के अतिरिक्त सदस्य (पीयू)सीताराम सिंकू ने कहा कि भारतीय रेल अपने डिब्बों, स्टेशनों, संकेत प्रणाली और दूरसंचार व्यवस्था को लगातार आधुनिक बना रही है। हम विश्वस्तरीय वायाडक्ट्स और गति शक्ति कार्गो टर्मिनलों का निर्माण कर रहे हैं। बड़े पैमाने पर विद्युतीकरण और हरित तकनीकों के माध्यम से रेलवे को टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल बनाया जा रहा है।इस वर्ष की प्रदर्शनी में रेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, निजी क्षेत्र के अग्रणी उद्योगपति, रेलवे क्षेत्र के विशेषज्ञ और मीडिया प्रतिनिधि एक साझा मंच पर एकत्र होंगे। इस सम्मेलन का उद्देश्य आधुनिक तकनीकों- जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), हरित समाधान (Green Solutions) को बढ़ावा देना, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) की भागीदारी को प्रोत्साहित करना और मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत देश की उत्पादन क्षमता को प्रदर्शित करना है।