जालौन में खाद की कमी को लेकर लगातार उड़ाई जा रही अफवाहों को लेकर आज जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने जनपद की अलग-अलग समितियों पर जाकर औचक निरीक्षण किया,

जालौन में खाद की कमी को लेकर लगातार उड़ाई जा रही अफवाहों को लेकर आज जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने जनपद की अलग-अलग समितियों पर जाकर औचक निरीक्षण किया, इस दौरान समितियों और दुकानों पर डीएपी खाद की उपलब्धता की व्यापक जांच की। यह निरीक्षण इसलिए किया गया जिससे रवी की फसल की बुवाई को लेकर किसानों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो। जिलाधिकारी के साथ जनपद की तहसीलों में उपजिलाधिकारी, खंड विकास अधिकारी और जिला कृषि अधिकारी ने विभिन्न सहकारी समितियों और निजी दुकानों पर औचक निरीक्षण कर स्टॉक, वितरण और मूल्य सूची की स्थिति का जायजा लिया।

जिलाधिकारी स्वयं भी निरीक्षण अभियान में शामिल हुए और उन्होंने कुकरगांव बहुउद्देशीय प्राथमिक ग्रामीण सहकारी समिति लिमिटेड समेत कई समितियों के साथ-साथ जालौन नगर स्थित पंकज ट्रेडर्स (1800 बोरी डीएपी), प्रमीणा ट्रेडर्स (1800 बोरी डीएपी) और प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र (1350 बोरी डीएपी-एनपीके) पर उपलब्ध स्टॉक की जांच की। निरीक्षण में सभी दुकानों पर डीएपी और एनपीके का पर्याप्त भंडारण पाया गया।
उन्होंने दुकानदारों को निर्देश दिए कि डीएपी और एनपीके दर सूची प्रमुख स्थान पर चस्पा करें, ताकि किसानों को मूल्य की पूरी जानकारी रहे। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि सरकारी समितियों और निजी दुकानों, दोनों जगह एक ही ब्रांड की डीएपी और एनपीके समान दर 1350 रुपए की दर पर उपलब्ध है। किसानों से अपील की गई कि वे किसी भी भ्रम या अफवाह पर ध्यान न दें।
उन्होंने सख्त चेतावनी दी कि यदि कहीं भी ओवररेटिंग या कालाबाजारी की शिकायत मिली तो संबंधित दुकानदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। किसानों से आग्रह किया गया कि किसी भी समस्या की स्थिति में जिलाधिकारी कंट्रोल रूम में तुरंत शिकायत दर्ज कराएं।
जिलाधिकारी ने कहा कि शासन की प्राथमिकता है कि हर किसान को समय पर, पारदर्शी व्यवस्था के तहत और उचित दर पर डीएपी खाद उपलब्ध कराया जाए, ताकि रबी फसलों की बुवाई सुचारु रूप से हो सके और किसान निश्चिंत होकर अपनी खेती कर सकें।
जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में 1 लाख 20 हजार बोरी डीएपी उपलब्ध है, इसके अलावा रविवार तक एक और रैक जनपद को उपलब्ध हो जाएगी, जिसमें 56 हजार बोरी जनपद को और मिल जाएगी। रवी की फसल की बुवाई के लिए किसानों के लिए पर्याप्त डीएपी उपलब्ध है।