दंगाइयों पर पुलिस का कहर मुठभेड़ में दो शातिर गिरफ्तार

बरेली। जुमे की नमाज के बाद शहर को आग के हवाले करने की साजिश करने वालों पर पुलिस का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। बवाल भड़काने वाले किसी भी उपद्रवी को छोड़ने के मूड में पुलिस बिल्कुल नहीं दिख रही है। बुधवार की सुबह तड़के फतेहगंज पश्चिमी के टियूलिया नहर के पास हुई मुठभेड़ में पुलिस ने दो ऐसे उपद्रवियों को धर दबोचा, जिन्होंने बवाल के दौरान पुलिस पर गोलियां चलाई थीं और सिपाही की एंटी राइट गन छीन ली थी।एसओजी और सीबीगंज पुलिस की टीम ने जब नहर के किनारे घेराबंदी की, तो बदमाशों ने खुद को बचाने के लिए फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में दोनों उपद्रवियों के पैरों में गोली लगी और वे जमीन पर गिर पड़े। पुलिस ने उन्हें तुरंत दबोच लिया।गिरफ्तार आरोपियों की पहचान शाहजहांपुर जिले के थाना मदनापुर के गांव पंखाखेड़ा इस्लामनगर निवासी 50 वर्षीय इदरीश उर्फ बोरा उर्फ गोरा पुत्र सद्दीक पंखिया और 48 वर्षीय इकबाल उर्फ बुंदन खां पुत्र जफर अली (48) के रूप में हुई। दोनों के पास से छिनी गई सरकारी एंटी राइट गन, दो तमंचे, तीन जिंदा और दो खोखा कारतूस, एक बाइक व दो मोबाइल बरामद हुए हैं।पुलिस ने इनके कब्जे से सिपाही से छीनी गई एंटी राइट गन बरामद कर ली है। इसके अलावा दो तमंचे और जिंदा कारतूस भी मिले हैं। पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि उन्होंने ही उपद्रव के दौरान पुलिस से हथियार छीना था और पुलिस पर फायरिंग की थी।एसएसपी अनुराग आर्य का कहना है कि बरेली में हिंसा फैलाने वाले किसी भी आरोपी को छोड़ने का सवाल ही नहीं उठता। लगातार दबिश देकर उपद्रवियों को पकड़ा जा रहा है और जेल भेजने की कार्रवाई जारी है। अधिकारियों का कहना है कि मासूम लोगों की आड़ लेकर शहर का माहौल बिगाड़ने वालों की जगह सिर्फ सलाखों के पीछे है। बरेली में बवाल के बाद से ही पुलिस की कार्रवाई तेज है। अब तक दर्जनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है, वहीं कई को मुठभेड़ के बाद पकड़ा गया है। पुलिस की इस सख्ती से उपद्रवियों में खौफ का माहौल है।दोनों गिरफ्तार आरोपी पुलिस के लिए नए नहीं हैं। इदरीश पर चोरी, डकैती, गैंगस्टर और आर्म्स एक्ट सहित 20 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। वहीं इकबाल पर चोरी, डकैती और आर्म्स एक्ट के 17 मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस ने बताया कि दोनों बेहद शातिर अपराधी हैं और कई जिलों में वारदातें कर चुके हैं। पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि 26 सितंबर को बरेली में दंगे के दौरान उन्होंने पुलिस पर हमला किया था। इसी दौरान एक सिपाही की एंटी राइट गन छीन ली और अपने तमंचों से फायरिंग भी की। पुलिस को चकमा देकर दोनों भाग निकले थे। घटना के बाद दोनों हथियार बेचने के इरादे से मीरगंज जा रहे थे, तभी मुठभेड़ में पकड़ लिए गए।