पीआरवी के सामने चौकीदार ने महिला को दी गाली आरोप

रायबरेली।पूरे प्रदेश में 20 सितंबर को मिशनशक्ति फेज 5.0 का आगाज हुआ,जिसका प्रदेश के सभी जनपदों में थानों में सजीव प्रसारण हुआ।वही प्रदेश स्तर के अधिकारी गण भी जनपदों में जाकर मिशनशक्ति पर चर्चा कर संबंधित को निर्देशित भी किया।शासन भी लगातार महिलाओं बेटियों के सुरक्षा और सम्मान के लिए तरह तरह आयोजन कर जागरूक कर रही है।किंतु कुछ जगहों पर मिशन शक्ति का असर देखने को नहीं मिला,कुछ जगहों पर महिलाओं को अपने अधिकार को पाने के लिए गालियां सुननी पड़ती है।लाखों प्रयास के बाद भी समाज के कुछ लोग महिलाओं को सम्मान देना उचित नहीं समझ रहे।ऐसा ही एक मामला जनपद के डीह थाना क्षेत्र के गोपालपुर गांव का है।जहां की निवासिनी साधना पुत्री सुदामा का आपसी पारिवारिक जमीनी विवाद कई वर्षों से चल रहा था।पीड़िता का आरोप था कि पिछले पांच वर्षों से परिवार के लोग चकमार्ग पर कब्जा कर फसल उगा रहे थे।पीड़िता अपने खेत की जुताई बुआई नहीं कर पा रही थी।पीड़िता ने प्रशासन का सहारा लिया काफी लंबी जद्दोजहद के बाद प्रशासन ने पीड़िता की सुनी और चकमार्ग को खाली कराया।गौरतलब हो कि पीड़िता को न्याय के लिए जिलाधिकारी कार्यालय के पास किसान कल्याण एसोशिएशन के बैनर तले धरने पर लगभग चार दिनों तक धूप बारिश के बीच बैठना पड़ा था।मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन चकमार्ग को खाली कराया।चकमार्ग खाली होने की बौखलाहट से विपक्षी चौकीदार श्यामलाल पुत्र स्वर्गीय धनीराम,युवा नेता शत्रोहन पुत्र स्वर्गीय लल्लू को न गवारा गुजरा,जिस पर विपक्षी गण गाली गलौज कर मारपीट पर आमादा थे,जिस पर पीड़िता मुख्यमंत्र हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई और डायल 112 पर सूचना दी।सूचना पर पहुंची पीआरवी के सामने थाने के चौकीदार ने पीड़िता पर गालियों की बौछार कर दी।जिस पर पीआरवी कर्मियों को बुरा लगा,जहां शासन महिलाओं को सम्मान के देने की बात कर रही है,वही चौकीदार और युवा नेता अपना आपा खो बैठे और पुलिस के सामने गालियों से नवाज दिया।इस पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने चौकीदार को डांट कर भगा दिया।अब सवाल ये है कि चौकीदार अपनी हनक और धौंस महिला को दिखा रहे है।चौकीदार की हनक से पीड़िता पिछले पांच वर्षों से अपनी खेती में फसल नहीं उगा सकी,कोटे के राशन पर जीने को मजबूर हो गई।उस पर चौकीदार ने गांव के वालों और पीआरवी सामने महिला को गाली दिया।फिलहाल पीड़िता ने चौकीदार के खिलाफ लिखित शिकायती पत्र कहीं नहीं दिया है।महिला को खौफ भी है।खबर के लिए भी मना किया गया।किंतु बात महिला के सम्मान की है।जहां महिलाओ के सम्मान और हक के लिए शासन नित नए प्रयास कर रही है।वही डीह थाने के चौकीदार शासन के प्रयासों को पलीता लगा रहे है।शासन लिंग भेदभाव रहित समाज की स्थापना कर सम्मान दिला रही है और कुछ लोगों ने ऐसे प्रयासों को मजाक बना दिया है।