जीआरपी में इंस्पेक्टर समेत चार पुलिसकर्मी सस्पेंड

बरेली। जीआरपी में हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी और नए सिपाहियों की प्रशिक्षण की कमी को उजागर कर दिया। नई भर्ती किए गए जवानों को पिस्टल सौंपा जाता है, लेकिन सही ट्रेनिंग न मिलने के कारण कई खतरनाक घटनाएं सामने आ रही हैं। इंस्पेक्टर जीआरपी परवेज अली खान ने बताया कि वह अपने कार्यालय में एक तीन साल की लड़की के अपहरण मामले पर चर्चा कर रहे थे। तभी बाहर से अचानक गोली चलने की आवाज सुनाई दी। तुरंत ही वह और उनकी टीम घटनास्थल की ओर दौड़े। घटनास्थल पर उन्होंने देखा कि दो नए बैच के कांस्टेबल और एक मौजूदा सिपाही वहां मौजूद थे। इंस्पेक्टर खान ने पूछा कि गोली कैसे चली, तो जवानों ने बताया कि साहब, हम दोनों की ड्यूटी पद्मावत एक्सप्रेस बरेली से शाहजहांपुर के लिए लगी थी। हमने अभी पिस्टल अंदर से लाकर कार्यालय के सिलिप पर रख दी थी, तभी गोली चल गई। इंस्पेक्टर परवेज अली खान ने पूछा कि दूसरी पिस्टल ऐसे क्यों रखी गई, तो जवान ने घबराकर कहा कि ?साहब, वह तो ऐसे ही रखी थी, मैं इसे ठीक से रख लूंगा।? जैसे ही उसने पिस्टल को उठाया और ट्रिगर हटाने की कोशिश की, दूसरी गोली चल गई। गोली दीवार से टकराई और फटकर इंस्पेक्टर की नाक के पास से छूते हुए निकल गई। उनकी नाक से खून बहने लगा और उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया।यह कोई सामान्य घटना नहीं थी, बल्कि नए सिपाहियों की पूरी ट्रेनिंग न मिलने और उनकी लापरवाही का नतीजा था। इंस्पेक्टर ने साफ किया कि इस प्रकार की घटनाओं से न केवल उनकी जान को खतरा हुआ, बल्कि पुलिस प्रशासन की साख भी सवालों के घेरे में आ जाती है। इंस्पेक्टर परवेज अली खान चोट लगने के बाद भी उनके साहस ने बड़ी गंभीर चोट से बचाया। उन्होंने तुरंत ही घायल होने के बावजूद टीम को संभाला और जवानों की गलती की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी। उनके अनुशासन और सक्रियता ने यह साबित किया कि जिम्मेदार अधिकारी संकट की घड़ी में कैसे स्थिति को नियंत्रित करते हैं। इस घटना ने यह भी स्पष्ट किया कि नए सिपाहियों को पिस्टल और अन्य हथियार सौंपने से पहले पर्याप्त ट्रेनिंग देना आवश्यक है। जिम्मेदार अधिकारी और प्रशिक्षक इस पर ध्यान दें, अन्यथा छोटी-सी लापरवाही बड़े हादसे का रूप ले सकती है। इंस्पेक्टर के अनुशासन ने यह दिखाया कि जिम्मेदार और सतर्क अधिकारियों की मौजूदगी पुलिस की विश्वसनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित करती है। वहीं, नई भर्ती जवानों की लापरवाही से पुलिस विभाग की बदनामी और जोखिम बढ़ता है। इस घटना के बाद एसपी जीआरपी ने इंस्पेक्टर समेत चार लोगों को सस्पेंड कर दिया है।