श्रद्धा कौशल संवर्धन शिविर में वेदमंत्रों की गूंज, योग साधना और प्रज्ञा चेतना से वातावरण हुआ पावन

श्रद्धा कौशल संवर्धन शिविर में वेदमंत्रों की गूंज, योग साधना और प्रज्ञा चेतना से वातावरण हुआ पावन

बदायूं : गायत्री शक्तिपीठ एवं आध्यात्मिक चेतना केंद्र पर चल रहे श्रद्धा कौशल संवर्धन शिविर का दूसरा दिन अध्यात्म, साधना और संस्कारों से ओतप्रोत रहा। ब्रह्म मुहूर्त में शांत वातावरण में ध्यान, योग और यज्ञ के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। आत्मीय परिजनों में दिव्य ऊर्जा और आत्मिक शांति का संचार हुआ।

गायत्री शक्तिपीठ के कोषाध्यक्ष रामचन्द्र प्रजापति ने प्रशिक्षुओं को योगाभ्यास कराते हुए शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक एकाग्रता के महत्व से परिचित कराया। योग के विभिन्न आसनों और प्राणायाम की क्रियाओं से साधकों को व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया। तत्पश्चात शिवंवदा सिंह और पूनम ने यज्ञ संपन्न कराया, जिसमें वेदमंत्रोच्चारण की मधुर ध्वनि और हवन की सुगंध से वातावरण पावन हो उठा। साथ ही प्रतिभागियों को ढपली, गायन और वादन का विशेष प्रशिक्षण भी दिया।

मुख्य प्रबंध ट्रस्टी सुरेंद्रनाथ शर्मा ने प्रतिभागियों को प्रज्ञा गीत गाकर सामूहिक चेतना जागृत की। उन्होंने युग्म ऋषि का व्यक्तित्व और कृतित्व, गायत्री महाविद्या, उपासना, साधना और आराधना के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जीवन को सार्थक बनाने के लिए समयदान और अंशदान आवश्यक है, यही युग परिवर्तन का आधार है।

परिव्राजक सचिन देव ने वैदिक मंत्रोच्चारण की शुद्ध पद्धति समझाई। उन्होंने दीप यज्ञ, जन्मोत्सव संस्कार, यज्ञ कर्मकांड प्रशिक्षण तथा मंत्र एवं टिप्पणियों का गहन विवेचन किया। उन्होंने कहा कि वेदमंत्रों की सही उच्चारण शैली न केवल आध्यात्मिक शक्ति देती है, बल्कि साधक के व्यक्तित्व में अनुशासन और पवित्रता भी स्थापित करती है।

जिला समन्वयक नरेंद्र पाल शर्मा ने शांतिकुंज और प्रज्ञा संस्थान की गतिविधियों से परिचय कराते हुए युग निर्माण योजना के शत सूत्रीय कार्यक्रम और सप्त आंदोलन की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि युग निर्माण केवल विचार क्रांति से संभव है और इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को समाज सुधार की दिशा में अपनी भूमिका निभानी होगी।

उपजोन समन्वयक बरेली अजय वीर सिंह ने धर्म तंत्र से लोक शिक्षण?क्यों और कैसे विषय पर सारगर्भित व्याख्यान दिया। उन्होंने प्रज्ञा मंडल गठन और उसकी गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रज्ञा मंडल समाज में आध्यात्मिक चेतना, लोक शिक्षण और नैतिक संस्कारों के प्रसार का सशक्त माध्यम है।

साधकों ने आध्यात्मिक साधना, संस्कार और प्रज्ञा चेतना की गहन अनुभूति प्राप्त की।

गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने बताया कि ऐसे शिविर न केवल व्यक्ति के जीवन को शुद्ध और अनुशासित बनाते हैं, बल्कि समाज में भी सकारात्मक ऊर्जा और जागरूकता का संचार करते हैं।

कार्यक्रम में जिले के विभिन्न स्थानों से आए श्रद्धालु, साधक, गायत्री परिवार और प्रज्ञा मंडल के सदस्य बड़ी संख्या में हिस्सा ले रहे हैं। शिविर का वातावरण दिनभर वेदमंत्रों, प्रज्ञा गीतों और सामूहिक साधना से गुंजायमान रहा।

इस मौके पर सुखपाल शर्मा, कालीचरण पटेल, रजनी मिश्रा, मनोज मिश्रा, माया सक्सेना, राजेश्वरी, अयोध्या प्रसाद शर्मा, महेश गुप्ता आदि मौजूद रहे।